साधु सब ही सूरमा अपनी अपनी ठौर मीनिंग कबीर के दोहे

साधु सब ही सूरमा अपनी अपनी ठौर मीनिंग Sadhu Sab Hi Surama Meaning : Kabir Ke Dohe

साधु सब ही सूरमा, अपनी अपनी ठौर,
जिन ये पांचो चुरीया, सो माथे का मौर।

Sadhu Sab Hi Surama, Apni Apni thour,
Jin Ye Pancho Churiya So Mathe Ka Mour.
 
 
साधु सब ही सूरमा अपनी अपनी ठौर मीनिंग Sadhu Sab Hi Surama Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

साहेब की वाणी है की सभी संत अपने स्थान पर श्रेष्ठ हैं, लेकिन जो संत पांच तरह के विकारों पर नियंत्रण रखने में समर्थ होता है, वह सभी का सर मौर होता है. काम का अर्थ है वासना, क्रोध का अर्थ है गुस्सा, लोभ का अर्थ है लालच, मोह का अर्थ है आसक्ति और भय का अर्थ है डर. ये सभी मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं, और आध्यात्मिक मार्ग में सबसे बड़े बाधक हैं. जब हम इन पर काबू पा लेते हैं, तो हम वास्तव में महान बन जाते हैं और जिस व्यक्ति ने इन पर काबू पा लिया है वह सही अर्थों में इश्वर का भक्त है. सर मौर का अर्थ है की वह परम है, सर्वोच्च है. समस्त संत वीर हैं-अपनी-अपनी जगह में वे श्रेष्ठ हैं, मानी हैं। जिन्होंने काम, क्रोध, लोभ, मोह एंव भय को जीत लिया है वे संतों में वास्तव में महान हैं।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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