गुरु सो ज्ञान जु लीजिये सीस दीजये दान हिंदी मीनिंग Guru So Gyan Ju Lijiye Meaning

गुरु सो ज्ञान जु लीजिये सीस दीजये दान हिंदी मीनिंग Guru So Gyan Ju Lijiye Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान।
बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥
 
Guru So Gyan Ju Lijiye Sheesh Dijiye Daan,
Bahutak Bhondu Bahi Gaye, Sakhi Jeev Abhiman
 
गुरु सो ज्ञान जु लीजिये सीस दीजये दान हिंदी मीनिंग Guru So Gyan Ju Lijiye Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

गुरु से ज्ञान प्राप्ति के विषय में कबीर साहेब की वाणी है की गुरु से ज्ञान ऐसे लेना चाहिए जिसके लिए यदि शीश का दान भी देना पड़े तो दे देना चाहिए। बहुत से मूर्ख (भौंदू) व्यक्ति भवसागर में बह गए जिन्होंने अभिमान को रखा। आशय स्पष्ट ही की यदि कोई स्वंय के अभिमान का त्याग करके (शीश देकर) गुरु के ज्ञान को प्राप्त करता है तो वह अवश्य ही लाभान्वित होता है। यदि कोई स्वंय का अभिमान को नहीं छोड़ता है तो वह भवसागर में बह जाता है, उसका कल्याण नहीं हो पाता है।  इस दोहे में कबीर दास जी ने गुरु के ज्ञान की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि गुरु से ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें अपने सिर की भी बलि देनी चाहिए। लेकिन जो लोग गुरु के ज्ञान को नहीं मानते और अपने शरीर, धन आदि का अभिमान करते हैं, वे संसार से बह जाते हैं और गुरुपद को प्राप्त नहीं कर पाते।

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