हम गुनाहगार हैं तेरे श्याम बरसों से
हम गुनाहगार हैं तेरे श्याम बरसों से
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
तूने सृष्टि की खातिर,
था शीश का दान दिया,
तूने धर्म की रक्षा की,
सबका कल्याण किया,
वीरों के वीर थे,
तुम शूरवीर थे,
याचक बने श्रीकृष्ण,
तुम तो दानवीर थे,
धर्म जो तूने हमें सिखलाया,
कर्म जो तूने करके दिखलाया,
भूले बैठे हैं सारे आज,
देखो आज कलियुग में।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
तेरी इस कुरबानी से,
नहीं कुछ भी सीखा हमने,
स्वार्थ ही स्वार्थ है,
प्रभु हम सब के जीवन में,
दर तेरे आते हैं,
पिकनिक मनाते हैं,
घर लौटकर बलिदान,
तेरा भूल जाते हैं,
अहंकार में चूर हैं,
सत्य से दूर हैं,
बनके प्रेमी तेरे,
फिर भी मशहूर हैं,
दिखावा ही दिखावा है,
सबके जीवन में।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
मेरी ये विनती है,
तेरी सच्ची लगन लगा,
हमको भी थोड़ी सी,
भक्ति की राह दिखा,
पड़ें ना दिखावे में,
जग के छलावे में,
हम बहकें ना प्रभु,
ढोंगियों के छल-बहकावे में,
मन में ईमान हो,
कभी ना गुमान हो,
तेरे प्रेमी की जग में,
ऐसी पहचान हो,
रखना तुम दूर ‘रोमी’ को,
बुरे कर्मों से।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
तूने सृष्टि की खातिर,
था शीश का दान दिया,
तूने धर्म की रक्षा की,
सबका कल्याण किया,
वीरों के वीर थे,
तुम शूरवीर थे,
याचक बने श्रीकृष्ण,
तुम तो दानवीर थे,
धर्म जो तूने हमें सिखलाया,
कर्म जो तूने करके दिखलाया,
भूले बैठे हैं सारे आज,
देखो आज कलियुग में।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
तेरी इस कुरबानी से,
नहीं कुछ भी सीखा हमने,
स्वार्थ ही स्वार्थ है,
प्रभु हम सब के जीवन में,
दर तेरे आते हैं,
पिकनिक मनाते हैं,
घर लौटकर बलिदान,
तेरा भूल जाते हैं,
अहंकार में चूर हैं,
सत्य से दूर हैं,
बनके प्रेमी तेरे,
फिर भी मशहूर हैं,
दिखावा ही दिखावा है,
सबके जीवन में।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
मेरी ये विनती है,
तेरी सच्ची लगन लगा,
हमको भी थोड़ी सी,
भक्ति की राह दिखा,
पड़ें ना दिखावे में,
जग के छलावे में,
हम बहकें ना प्रभु,
ढोंगियों के छल-बहकावे में,
मन में ईमान हो,
कभी ना गुमान हो,
तेरे प्रेमी की जग में,
ऐसी पहचान हो,
रखना तुम दूर ‘रोमी’ को,
बुरे कर्मों से।।
हम गुनाहगार हैं तेरे,
श्याम बरसों से,
मांगते हैं क्षमा तुझसे,
तेरे भक्तों से,
हम गुनाहगार हैं।।
रुला देगा आपको यह भजन (आंखे बंद कर के सुने) - हम गुनाहगार है तेरे बरसो से - रोमी जी
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#Song : हम गुनाहगार है तेरे बरसो से
#Singer : Romi Ji
Music: Bijender Chohan ji
#Writer : Romi Ji
#Copyright : Saawariya
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Author - Saroj Jangir
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