अगर तू जो माँ ना होती भजन
अगर तू जो माँ ना होती भजन
अगर तू जो माँ ना होती
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 1)
तेरे प्यार की छांव में रहकर,
मैंने खुद को सजाया माँ,
मेरे लबों को तूने हँसी दी,
मैंने तुझे रुलाया,
जो पाया प्यार तेरा,
है ये उपकार तेरा,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 2)
ढूंढ़ रहा हूँ उस ऊँगली को,
जिसने चलना सिखाया माँ,
तेरी गोद के हर पहलू में,
जन्नत का सुख पाया,
बरसों नहीं सोई,
मेरे लिए तू माँ रोई,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 3)
बचपन में जब मैं डरता था,
बाहों में भर लेती माँ,
मैं मुस्काता था जब मुझ पर,
तू आँचल कर लेती,
ऐसा कोई है कहाँ,
जैसी मेरी है ये माँ,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 4)
दुनिया में होता ना कहीं कोई,
ये दुनिया ना बनती माँ,
मर करके सौ बार ‘बेधड़क’,
लाल नहीं जो जनती,
दर्द हजार सहा,
फिर भी ना माँ कुछ भी कहा,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(पुनरावृत्ति)
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 1)
तेरे प्यार की छांव में रहकर,
मैंने खुद को सजाया माँ,
मेरे लबों को तूने हँसी दी,
मैंने तुझे रुलाया,
जो पाया प्यार तेरा,
है ये उपकार तेरा,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 2)
ढूंढ़ रहा हूँ उस ऊँगली को,
जिसने चलना सिखाया माँ,
तेरी गोद के हर पहलू में,
जन्नत का सुख पाया,
बरसों नहीं सोई,
मेरे लिए तू माँ रोई,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 3)
बचपन में जब मैं डरता था,
बाहों में भर लेती माँ,
मैं मुस्काता था जब मुझ पर,
तू आँचल कर लेती,
ऐसा कोई है कहाँ,
जैसी मेरी है ये माँ,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(अंतरा 4)
दुनिया में होता ना कहीं कोई,
ये दुनिया ना बनती माँ,
मर करके सौ बार ‘बेधड़क’,
लाल नहीं जो जनती,
दर्द हजार सहा,
फिर भी ना माँ कुछ भी कहा,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
(पुनरावृत्ति)
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती,
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा,
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा,
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमें ये जान ना होती।।
मां की ममता का भावपूर्ण भजन || Shilpi Koushik || Agar Tu Jo Maa Na Hoti || Special Mother's Day 2022
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माँ की ममता और प्रेम वह अनमोल रत्न है, जो भक्त के जीवन में सारी सृष्टि का आधार बनता है। बिना माँ के, न तो यह संसार होता, न परिवार की रौनक, और न ही वह प्यार, जो जीवन को अर्थ देता है। माँ की छांव में पलकर भक्त ने न केवल जीवन के रंग सजाए, बल्कि उसकी गोद में जन्नत का सुख पाया।
माँ का वह बलिदान, जो रातों की नींद हराम कर, अपने लाल के लिए आंसुओं में डूबा, फिर भी हंसी और प्यार बिखेरता रहा, भक्त के लिए सबसे बड़ा उपकार है। यह भक्ति का वह स्वरूप है, जो माँ को जीवन की हर सांस का आधार बनाता है, और भक्त को यह अहसास कराता है कि माँ के बिना उसकी कोई पहचान नहीं।
माँ की वह उंगली, जिसने चलना सिखाया, और उनकी बाहें, जिन्होंने हर डर को गले लगाकर मुस्कान दी, भक्त के लिए एक अनंत शरण हैं। माँ का आंचल, जो हर दुख में ढाल बना, और उसका प्रेम, जो हर परिस्थिति में अटल रहा, भक्त के जीवन को सार्थक बनाता है।
माँ की वह उंगली, जिसने चलना सिखाया, और उनकी बाहें, जिन्होंने हर डर को गले लगाकर मुस्कान दी, भक्त के लिए एक अनंत शरण हैं। माँ का आंचल, जो हर दुख में ढाल बना, और उसका प्रेम, जो हर परिस्थिति में अटल रहा, भक्त के जीवन को सार्थक बनाता है।
‘बेधड़क’ की यह पुकार कि माँ के बिना यह दुनिया ही नहीं बनती, उस सत्य को उजागर करती है कि माँ का दर्द और त्याग ही सृष्टि का मूल है। माँ का वह मौन बलिदान, जो हजार दुख सहकर भी कभी कुछ न कहता, भक्त के लिए एक ऐसी प्रेरणा है, जो उसे माँ के प्रेम में हर पल समर्पित होने को प्रेरित करता है। यह भक्ति का वह भाव है, जो माँ को हर हृदय का सबसे पवित्र मंदिर बनाता है, और उनके प्यार को जीवन की सबसे बड़ी सैर कराता है।
माता रानी की पूजा में विशेष वस्तुओं जैसे लौंग का उपयोग भी किया जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव को शांत करता है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनाता है। पूजा के दौरान माता को लाल चुनरी चढ़ाना, भजन-कीर्तन करना और व्रत कथा सुनना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, नवरात्रि के नौ दिनों में माता के विभिन्न रूपों—जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, कात्यायनी, कालरात्रि आदि—की पूजा करने से भक्तों को रोग, शोक, भय और पापों से मुक्ति मिलती है और वे जीवन में यश, बल, आरोग्य और मोक्ष प्राप्त करते हैं।
⇨Album :- अगर तू जो माँ ना होती
⇨Bhajan :- Agar Tu Jo Maa Na Hoti
⇨Singer :- Shilpi Koushik
⇨Lyrics :- Pappu Bedhadak
⇨Bhajan :- Agar Tu Jo Maa Na Hoti
⇨Singer :- Shilpi Koushik
⇨Lyrics :- Pappu Bedhadak
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Author - Saroj Jangir
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