आँसू भरा के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी :-
आँसू भरा शब्द का अर्थ, उत्पत्ति और विलोम: आँसू भरा एक ऐसा शब्द है जो अपने विशेष अर्थ के कारण भावनात्मकता को सुझाता है। इस शब्द में "आँसू" वह पानी होता है जो हमारी आँखों से निकलता है जब हम भावनाओं से भर जाते हैं। इस शब्द का उपयोग विभिन्न समयों और परिस्थितियों में हमारे भावुक भावों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
आँसू शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द "अश्रु" से हुई है, जिसका अर्थ भी आँसू होता है। इस शब्द का प्रयोग शायरी, कविता और संगीत में विशेष रूप से अधिक होता है, जिससे भावनात्मक संवाद को अभिव्यक्त करने में मदद मिलती है।
आँसू भरा का विलोम शब्द है "सुख" या "हंसी", क्योंकि आँसू के विलोम में खुशियों और हंसी का अर्थ निहित होता है। यदि हम खुशी और हंसी से भरे होते हैं, तो हम आँसू नहीं बहाते हैं।
आँसू भरा एक व्यक्ति के अंतरंग भावों को प्रकट करने का एक साधन होता है। यह हमें हमारे भावों को समझने और दूसरों के साथ इस भावना को साझा करने में मदद करता है। यह शब्द हमारे संवेदनशील और अंतरंगता को दर्शाने में सहायक होता है जो हमें एक-दूसरे के साथ जुड़ने और समर्थन प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
आंसू / जयशंकर प्रसाद
इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम गरजती?
मानस सागर के तट पर
क्यों लोल लहर की घातें
कल कल ध्वनि से हैं कहती
कुछ विस्मृत बीती बातें?
आती हैं शून्य क्षितिज से
क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी
टकराती बिलखाती-सी
पगली-सी देती फेरी?
क्यों व्यथित व्योम गंगा-सी
छिटका कर दोनों छोरें
चेतना तरंगिनी मेरी
लेती हैं मृदल हिलोरें?
बस गई एक बस्ती है
स्मृतियों की इसी हृदय में
नक्षत्र लोक फैला है
जैसे इस नील निलय में।
ये सब स्फुर्लिंग हैं मेरी
इस ज्वालामयी जलन के
कुछ शेष चिह्न हैं केवल
मेरे उस महामिलन के।
शीतल ज्वाला जलती हैं
ईधन होता दृग जल का
यह व्यर्थ साँस चल-चल कर
करती हैं काम अनल का।
बाड़व ज्वाला सोती थी
इस प्रणय सिन्धु के तल में
प्यासी मछली-सी आँखें
थी विकल रूप के जल में।
बुलबुले सिन्धु के फूटे
नक्षत्र मालिका टूटी
नभ मुक्त कुन्तला धरणी
दिखलाई देती लूटी।
छिल-छिल कर छाले फोड़े
मल-मल कर मृदुल चरण से
धुल-धुल कर वह रह जाते
आँसू करुणा के जल से।
इस विकल वेदना को ले
किसने सुख को ललकारा
वह एक अबोध अकिंचन
बेसुध चैतन्य हमारा।
अभिलाषाओं की करवट
फिर सुप्त व्यथा का जगना
सुख का सपना हो जाना
भींगी पलकों का लगना।
इस हृदय कमल का घिरना
अलि अलकों की उलझन में
आँसू मरन्द का गिरना
मिलना निश्वास पवन में।
मादक थी मोहमयी थी
मन बहलाने की क्रीड़ा
अब हृदय हिला देती है
वह मधुर प्रेम की पीड़ा।
सुख आहत शान्त उमंगें
बेगार साँस ढोने में
यह हृदय समाधि बना हैं
रोती करुणा कोने में।
चातक की चकित पुकारें
श्यामा ध्वनि सरल रसीली
मेरी करुणार्द्र कथा की
टुकड़ी आँसू से गीली।
अवकाश भला है किसको,
सुनने को करुण कथाएँ
बेसुध जो अपने सुख से
जिनकी हैं सुप्त व्यथाएँ
जीवन की जटिल समस्या
हैं बढ़ी जटा-सी कैसी
उड़ती हैं धूल हृदय में
किसकी विभूति है ऐसी?
जो घनीभूत पीड़ा थी
मस्तक में स्मृति-सी छाई
दुर्दिन में आँसू बनकर
वह आज बरसने आई।
मेरे क्रन्दन में बजती
क्या वीणा, जो सुनते हो
धागों से इन आँसू के
निज करुणापट बुनते हो।
रो-रोकर सिसक-सिसक कर
कहता मैं करुण कहानी
तुम सुमन नोचते सुनते
करते जानी अनजानी।
मैं बल खाता जाता था
मोहित बेसुध बलिहारी
अन्तर के तार खिंचे थे
तीखी थी तान हमारी
झंझा झकोर गर्जन था
बिजली सी थी नीरदमाला,
पाकर इस शून्य हृदय को
सबने आ डेरा डाला।
घिर जाती प्रलय घटाएँ
कुटिया पर आकर मेरी
तम चूर्ण बरस जाता था
छा जाती अधिक अँधेरी।
बिजली माला पहने फिर
मुसकाता था आँगन में
हाँ, कौन बरसा जाता था
रस बूँद हमारे मन में?
तुम सत्य रहे चिर सुन्दर!
मेरे इस मिथ्या जग के
थे केवल जीवन संगी
कल्याण कलित इस मग के।
कितनी निर्जन रजनी में
तारों के दीप जलाये
स्वर्गंगा की धारा में
उज्जवल उपहार चढायें।
गौरव था , नीचे आए
प्रियतम मिलने को मेरे
मै इठला उठा अकिंचन
देखे ज्यों स्वप्न सवेरे।
मधु राका मुसकाती थी
पहले देखा जब तुमको
परिचित से जाने कब के
तुम लगे उसी क्षण हमको।
परिचय राका जलनिधि का
जैसे होता हिमकर से
ऊपर से किरणें आती
मिलती हैं गले लहर से।
मै अपलक इन नयनों से
निरखा करता उस छवि को
प्रतिभा डाली भर लाता
कर देता दान सुकवि को।
निर्झर-सा झिर झिर करता
माधवी कुँज छाया में
चेतना बही जाती थी
हो मन्त्रमुग्ध माया में।
पतझड़ था, झाड़ खड़े थे
सूखी-सी फूलवारी में
किसलय नव कुसुम बिछा कर
आए तुम इस क्यारी में।
शशि मुख पर घूँघट डाले,
अँचल मे दीप छिपाए।
जीवन की गोधूली में,
कौतूहल से तुम आए।
पर्यायवाची किसे कहते हैं ? What is Synonyms ?
पर्यायवाची का अर्थ है "ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हों, एक सामान अर्थ वाला पर्यायवाची (अंग्रेज़ी में Synonym) शब्द कहलाते हैं। यथा आँसू भरा शब्द के पर्यायवाची आप इस लेख में देखेंगे।
एक पर्यायवाची शब्द किसी शब्द का समान या लगभग समान अर्थ वाला होता है (जैसा की आँसू भरा के पर्यायवाची शब्द यहाँ पर दिए गए हैं )। उदाहरण के लिए सूर्य के पर्यायवाची दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आक, आदित्य, दिनेश, मित्र, मार्तण्ड, मन्दार, पतंग, विहंगम, रवि, प्रभाकर, अरुण, अंशुमाली और सूरज भगत, दिनमणि, अर्क, हरि आदि होते हैं।