डमरू बजाके बाबा देदो दर्शन जी लिरिक्स Damaru Bajake Baba Lyrics


Naye Bhajano Ke Lyrics

डमरू बजाके बाबा देदो दर्शन जी लिरिक्स Damaru Bajake Baba Lyrics

डमरू बजाके बाबा देदो दर्शन जी,
हे पशुपति तुझे ढूंढें मेरा नयन जी,
जगत के पालनहारा व्याकुल मेरा मन जी,
हे पशुपति तुझे ढूंढें मेरा नयन जी।

दर दर से ठोकर खाऊ कोई ना सहारा,
तेरे सिवा बाबा अब होता गुज़ारा,
सारा जग से पावन तेरा चरन जी ,
हे पशुपति तुझे ढूंढें मेरा नयन जी।

तन मन धन सब तुझपे है वारा,
सारे जग में ना कोई तुमसे प्यारा,
हे कैलाशी भोले आया हूँ शरण जी,
हे भोलेबाबा तुमको ढूँढे मेरा नयन जी।

ना कुछ लेके आया ना कुछ लेके जाऊ,
तेरे बिना भोलेबाबा मैं ना रह पाऊँ,
करके तेरी भक्ति रहूँ मैं मगन जी,
हे भोलेबाबा तुझे ढूंढे मेरा नयन जी।
 


भोले बाबा का सुपरहिट भजन ज़रूर सुने ~ Damru Bajake Dedo Darshan ~With Lyrics

 
शिव जी हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। उन्हें त्रिदेवों में से एक माना जाता है, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव शामिल हैं। शिव जी को देवताओं के देवमहादेव भी कहा जाता है। वे भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाने जाते हैं। शिव जी को सृष्टि के संहारक और पुनर्जन्म के देवता के रूप में माना जाता है। उन्हें नंदी के रूप में बैल का वाहन माना जाता है और वे गंगा नदी को अपने सिर पर धारण करते हैं। शिव जी को भक्ति और ज्ञान का देवता भी माना जाता है। शिव जी की पूजा पूरे भारत में की जाती है। उनके भक्त उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष के नाम से पुकारते हैं। शिव जी को भक्ति के लिए सबसे सरल देवता माना जाता है।

शिव जी का जन्म अनादि काल में हुआ था। उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ सृष्टि के तीन मूल देवता माना जाता है। शिव जी का विवाह पार्वती से हुआ था, जो सती के अवतार थीं। शिव जी के दो पुत्र हैं, कार्तिकेय और गणेश। शिव जी को कई रूपों में पूजा जाता है। उनके सबसे प्रसिद्ध रूपों में हैं:
नटराज: नटराज को शिव जी का नर्तक रूप माना जाता है। उन्हें त्रिशूल, डमरू, और सर्प के साथ दर्शाया जाता है।
भैरव: भैरव को शिव जी का भयानक रूप माना जाता है। उन्हें काले रंग में दर्शाया जाता है और उनके हाथों में त्रिशूल, डमरू, और खप्पर होता है।
शिव लिंग: शिव लिंग को शिव जी का प्रतीक माना जाता है। यह एक बेलनाकार आकार का पत्थर है जिसे पानी से सिंचित किया जाता है।
शिव जी की शक्तियां
सृष्टि का संहार: शिव जी को सृष्टि का संहार करने की शक्ति प्राप्त है। वे अपने त्रिशूल से सृष्टि को नष्ट कर सकते हैं।
पुनर्जन्म: शिव जी को पुनर्जन्म की शक्ति प्राप्त है। वे अपने गंगा जल से जीवों को पुनर्जन्म दे सकते हैं।
ज्ञान: शिव जी को ज्ञान की शक्ति प्राप्त है। वे अपने भक्तों को ज्ञान प्रदान कर सकते हैं।
भक्ति: शिव जी को भक्ति की शक्ति प्राप्त है। वे अपने भक्तों को आशीर्वाद दे सकते हैं।
शिव जी की पूजा शिव जी की पूजा पूरे भारत में की जाती है। उनकी पूजा अक्सर शिव मंदिरों में की जाती है। शिव जी की पूजा में आमतौर पर शिवलिंग की पूजा की जाती है। शिव जी को भांग, धतूरा, बेलपत्र, और शहद अर्पित किया जाता है।

शिव जी की पूजा का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। यह त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन शिव जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
शिव जी की शिक्षाएं हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन शिक्षाओं में से कुछ शिक्षाएं इस प्रकार हैं:
भक्ति: शिव जी ने अपने भक्तों को भक्ति का महत्व सिखाया है। उन्होंने कहा है कि भक्ति से ही मोक्ष प्राप्त होता है। ज्ञान: शिव जी ने अपने भक्तों को ज्ञान का महत्व सिखाया है। उन्होंने कहा है कि ज्ञान से ही संसार का रहस्य समझा जा सकता है। धैर्य: शिव जी ने अपने भक्तों को धैर्य का महत्व सिखाया है। उन्होंने कहा है कि धैर्य से ही कठिनाइयों का सामना किया जा सकता है। क्षमा: शिव जी ने अपने भक्तों को क्षमा का महत्व सिखाया है। उन्होंने कहा है कि क्षमा से ही मन को शांति मिलती है। शिव जी हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
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