अब तौ झूझ्या हीं बणै मुड़ि चाल्यां घर दूर हिंदी मीनिंग Aub To Jujhya Hi Bane Meaning

अब तौ झूझ्या हीं बणै मुड़ि चाल्यां घर दूर हिंदी मीनिंग Aub To Jujhya Hi Bane Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth / Bhavarth Sahit

अब तौ झूझ्या हीं बणै, मुड़ि चाल्यां घर दूर।
सिर साहिब कौं सौंपतां, सोच न कीजै सूर॥
 
Aub To Jujhya Hi Bane, Mudi Chalya Ghar Door,
Sir Sahib Ko Sounpata Soch Na Keeje Soor.
 
अब तौ झूझ्या हीं बणै मुड़ि चाल्यां घर दूर हिंदी मीनिंग Aub To Jujhya Hi Bane Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth / Bhavarth Sahit
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब के इस दोहे का भावार्थ है की अब तो झूझते बनेगा, पीछे पैर क्या रखना ?, डरना क्यों हैं ?  अगर यहाँ से मुड़ोगे तो घर तो बहुत दूर रह गया है। साईं को सिर सौंपते हुए सूरमा कभी सोचता नहीं, कभी हिचकता नहीं, सदा ही अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्धित रहता है। 

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