निरंजन धन तुम्हरो दरबार हिंदी मीनिंग Niranjan Dhan Meaning

निरंजन धन तुम्हरो दरबार हिंदी मीनिंग Niranjan Dhan Meaning : Kabir Ke Pad Hindi Arth/Bhavarth Sahit

 
निरंजन धन तुम्हरो दरबार हिंदी मीनिंग

निरंजन धन तुम्हरो दरबार ।
जहाँ न तनिक न्याय विचार ।।
रंगमहल में बसें मसखरे, पास तेरे सरदार ।
धूर-धूप में साधो विराजें, होये भवनिधि पार ।।
वेश्या ओढे़ खासा मखमल, गल मोतिन का हार ।
पतिव्रता को मिले न खादी सूखा ग्रास अहार ।।
पाखंडी को जग में आदर, सन्त को कहें लबार ।
अज्ञानी को परम‌ ब्रहम ज्ञानी को मूढ़ गंवार ।।
साँच कहे जग मारन धावे, झूठन को इतबार ।
कहत कबीर फकीर पुकारी, जग उल्टा व्यवहार ।।
निरंजन धन तुम्हरो दरबार ।

निरंजन धन तेरा दरबार - जहाँ पर तनिक ना न्याय विचार | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM

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