बाबा तेरा उपकार है दुनिया में लिरिक्स Baba Tera Upkar Hai Lyrics

बाबा तेरा उपकार है दुनिया में लिरिक्स Baba Tera Upkar Hai Lyrics, Krishna Bhajan

 
बाबा तेरा उपकार है दुनिया में लिरिक्स Baba Tera Upkar Hai Lyrics, Krishna Bhajan

बाबा तेरा उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है,
तेरा ये सब उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है।

चरणों में तेरे जबसे आया हूँ,
क्या बोलूं तुमसे कितना पाया हूँ,
खुशहाल सारा परिवार है,
किरपा का तेरे भंडार है,
तेरा ये सब उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है।

चिंताए ना मुझको डराएगी,
जीवन में वापस अब ना आएगी,
मेरा जो तू सरकार है,
हाथों में तेरे पतवार है,
तेरा ये सब उप कार है,
दुनिया में जो सत्कार है।

हाथों से श्याम निशान उठाता हूँ,
ग्यारस पे तेरी चोखट आता हूँ,
उसको ना किसी की दरकार है,
जिसका तू लखदातार है,
तेरा ये सब उप कार है,
दुनिया में जो सत्कार है।

सारी ही दुनिया को दिखाया है,
क्या से क्या मुझको बनाया है,
सैनी का तू एतबार है,
शर्मा का तू पालनहार है,
तेरा ये सब उपकार है,
दुनियां में जो सत्कार है।

बाबा तेरा उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है,
तेरा ये सब उपकार है,
दुनियां में जो सत्कार है।
बाबा तेरा उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है,
तेरा ये सब उपकार है,
दुनिया में जो सत्कार है।



Baba Tera Upkar Hai - बाबा तेरा उपकार है - Naresh Saini - Shyam Baba Bhajan New - Saawariya

बाबा तेरा उपकार है
यह भजन खाटू श्याम जी की भक्ति के बारे में है। भक्त श्याम जी की कृपा और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देते हैं। वे कहते हैं कि श्याम जी की कृपा से उनका जीवन खुशहाल है। वे किसी भी चीज़ से नहीं डरते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि श्याम जी हमेशा उनके साथ हैं। वे श्याम जी के भक्त होने पर गर्व महसूस करते हैं।

बाबा तेरा उपकार है, दुनिया में जो सत्कार है - भक्त श्याम जी की कृपा और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देते हैं। वे कहते हैं कि श्याम जी की कृपा से उन्हें दुनिया में सब कुछ मिल रहा है।
चरणों में तेरे जबसे आया हूँ, क्या बोलूं तुमसे कितना पाया हूँ - भक्त कहते हैं कि जब से वे श्याम जी के चरणों में आए हैं, उन्हें बहुत कुछ मिला है। उनका परिवार खुशहाल है, वे किसी भी चीज़ से नहीं डरते हैं, और उन्हें श्याम जी की कृपा का अनुभव होता है।
खुशहाल सारा परिवार है, किरपा का तेरे भंडार है - भक्त कहते हैं कि श्याम जी की कृपा से उनका परिवार खुशहाल है। वे सभी एक-दूसरे से प्यार करते हैं और एक साथ रहते हैं।
चिंताए ना मुझको डराएगी, जीवन में वापस अब ना आएगी - भक्त कहते हैं कि अब उन्हें किसी भी चीज़ से डर नहीं लगता है। श्याम जी की कृपा से उनका जीवन खुशहाल है।
मेरा जो तू सरकार है, हाथों में तेरे पतवार है - भक्त कहते हैं कि श्याम जी उनकी सरकार हैं। वे श्याम जी के भरोसे पर चलते हैं।
हाथों से श्याम निशान उठाता हूँ, ग्यारस पे तेरी चोखट आता हूँ - भक्त कहते हैं कि वे श्याम जी के निशान को अपने हाथों में उठाते हैं और ग्यारस के दिन उनके दर पर जाते हैं।
उसको ना किसी की दरकार है, जिसका तू लखदातार है - भक्त कहते हैं कि श्याम जी के भक्तों को किसी भी चीज़ की जरूरत नहीं है। श्याम जी ही सब कुछ देते हैं।
सारी ही दुनिया को दिखाया है, क्या से क्या मुझको बनाया है - भक्त कहते हैं कि श्याम जी ने उन्हें बहुत कुछ दिखाया है। उन्होंने उन्हें एक नए जीवन दिया है।
सैनी का तू एतबार है, शर्मा का तू पालनहार है - भक्त कहते हैं कि श्याम जी सैनी और शर्मा परिवार के पालनहार हैं।
बाबा तेरा उपकार है, दुनिया में जो सत्कार है - भक्त फिर से श्याम जी की कृपा और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देते हैं।

यह भजन श्याम जी की भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है। भक्त श्याम जी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और विश्वास व्यक्त करते हैं। वे श्याम जी की कृपा और आशीर्वाद के लिए आभारी हैं।

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श्री खाटू श्याम जी राजस्थान के सीकर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के अवतार बर्बरीक को समर्पित है। बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से भी जाना जाता है।

श्री खाटू श्याम जी का इतिहास
श्री खाटू श्याम जी का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि बर्बरीक एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में भाग लेने के लिए भगवान श्री कृष्ण से आशीर्वाद मांगा। भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें युद्ध में भाग लेने की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें युद्ध में केवल एक ही बाण का उपयोग करना होगा।

बर्बरीक ने युद्ध में भाग लिया और उन्होंने कई महान योद्धाओं को मारा। अंत में, उन्होंने कौरवों के सेनापति दुर्योधन को मारने के लिए अपने अंतिम बाण का उपयोग किया।

युद्ध के बाद, बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण से उनका सिर काटने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वे अपनी माँ के साथ नहीं रहना चाहते, क्योंकि उन्होंने अपने पिता का सिर नहीं बचाया था। भगवान श्री कृष्ण ने उनकी इच्छा का सम्मान किया और उन्होंने बर्बरीक का सिर काट दिया।

बर्बरीक का सिर खाटू नामक स्थान पर स्थित है। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को एक पेड़ पर रखा और उसे जीवित कर दिया।

श्री खाटू श्याम जी का मंदिर

श्री खाटू श्याम जी का मंदिर 17वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मंदिर में बर्बरीक की एक मूर्ति है। मंदिर में हर साल लाखों भक्त आते हैं।

श्री खाटू श्याम जी की पूजा

श्री खाटू श्याम जी की पूजा में मुख्य रूप से चूरमा, दाल, बाटी और मावे के पेड़े का भोग लगाया जाता है। भक्त मंदिर में बर्बरीक के सामने अपने मनोकामनाएं मांगते हैं।

श्री खाटू श्याम जी की मान्यता

श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से श्री खाटू श्याम जी की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

श्री खाटू श्याम जी की विशेषताएं

श्री खाटू श्याम जी की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
  • यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के अवतार बर्बरीक को समर्पित है।
  • यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।
  • इस मंदिर में बर्बरीक की एक मूर्ति है।
  • मंदिर में हर साल लाखों भक्त आते हैं।
  • श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है।
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