सारे जग से निराली है मैया

सारे जग से निराली है मैया पार करती है भक्तों की नैया

(मुखड़ा)

सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
(अंतरा 1)

मैया ममतामई, ये है करुणामई,
यशगान करे है पुरवैया,
पार करती है भक्तों की नैया,
सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
(अंतरा 2)

नौ रूप धरे, सबके संकट हरे,
नवरात्रों में सजती नगरीया,
पार करती है भक्तों की नैया,
सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
(अंतरा 3)

शारदे माँ तू ही, कालिका माँ तू ही,
हर रूप में बनकर खिवैया,
पार करती है भक्तों की नैया,
सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
(अंतरा 4)

जो भी ध्यावे इसे, जो मनावे इसे,
थाम लेती है उसकी ये बइयाँ,
पार करती है भक्तों की नैया,
सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
(अंतरा 5)

‘राजा’ गाए यही, गुनगुनाए यही,
अपने आँचल की देकर के छइयाँ,
पार करती है भक्तों की नैया,
सारे जग से निराली है मैया,
पार करती है भक्तों की नैया।।
 


मईया ममतामयी | सारे जग से निराली है मैय्या (Lyrical Maa Durga Bhajan ) by Amit Chandak (FullHD)
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