चित चोरी लिगे मजक्युँ मा
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा
बगचट बगचट मं कै जा रे गैल्या – २,
बैखु मा बैख मेरो मायाला बैख।।
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी रे,
तेरी माया जाल मा झुठी-मुठी बातो मा,
तेरा ही ख्यालो मा उलझी ग्यौं,
झाणी क्या सांक्युँदु आख्युँ आँख्युँ मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
हाँ, बांदों मा बांद मेरी रुपाली बांद,
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी जा रे।।
अपना मिजाजा की धौंस मा आज,
बगचट मं मेरो तू कै जा रे।।
झाणी क्या बिग्याँदी सानी सानीयुं मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
तेरु ख्याल जु आंडु,
दिल मेरो भरेंडु,
तिसालु परान उलार्या ह्वी जांडु – २।।
झाणी क्या उल्झ्युँदु, झाणी क्या उल्झ्युँदु,
बातो-बातो मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
सजिलो स्वाँणुं, मिजाज घंगटोल मचौंदी,
तेरी भोली अँवर, मन कोरी की खांडी – २।।
झाणी क्या लब्रांदी, झाणी क्या लब्रांदी,
डाली-डाल्युँ मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
तरुनी तरी भारी जवानी,
तेरा नऊ करि आली।।
सांसौं की या हद, अब तुवें मा बांध्याली – २।।
झाणी क्या ह्वी गैँ, झाणी क्या ह्वी गैँ,
छुईं-छुईं मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
बैखु मा बैख मेरो मायाला बैख,
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी जा रे।।
तेरी माया जाल मा झुठी-मुठी बातो मा,
तेरा ही ख्यालो मा उलझी ग्यौं।।
झाणी क्या बिग्यांदी सानी सानीयुं मा।।
चित चोरी…
ही चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – ६।।
बैखु मा बैख मेरो मायाला बैख।।
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी रे,
तेरी माया जाल मा झुठी-मुठी बातो मा,
तेरा ही ख्यालो मा उलझी ग्यौं,
झाणी क्या सांक्युँदु आख्युँ आँख्युँ मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
हाँ, बांदों मा बांद मेरी रुपाली बांद,
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी जा रे।।
अपना मिजाजा की धौंस मा आज,
बगचट मं मेरो तू कै जा रे।।
झाणी क्या बिग्याँदी सानी सानीयुं मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
तेरु ख्याल जु आंडु,
दिल मेरो भरेंडु,
तिसालु परान उलार्या ह्वी जांडु – २।।
झाणी क्या उल्झ्युँदु, झाणी क्या उल्झ्युँदु,
बातो-बातो मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
सजिलो स्वाँणुं, मिजाज घंगटोल मचौंदी,
तेरी भोली अँवर, मन कोरी की खांडी – २।।
झाणी क्या लब्रांदी, झाणी क्या लब्रांदी,
डाली-डाल्युँ मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
तरुनी तरी भारी जवानी,
तेरा नऊ करि आली।।
सांसौं की या हद, अब तुवें मा बांध्याली – २।।
झाणी क्या ह्वी गैँ, झाणी क्या ह्वी गैँ,
छुईं-छुईं मा।।
चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – २।।
बैखु मा बैख मेरो मायाला बैख,
जिकुड़ी मा झप कैकि बैठी जा रे।।
तेरी माया जाल मा झुठी-मुठी बातो मा,
तेरा ही ख्यालो मा उलझी ग्यौं।।
झाणी क्या बिग्यांदी सानी सानीयुं मा।।
चित चोरी…
ही चित चोरी लिगे मजक्युँ मा – ६।।
Bagchat Man - बगछट मन | Hema Negi Karasi & Rameswar Gairola
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Admin - Saroj Jangir
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