कालो के काल शिव महाकाल लिरिक्स Kalo Ke Kaal Lyrics, Kalo Ke Kal Shiv Mahakal
कालो के काल शिव महाकालउसे कौन छुए शिव जिसकी ढाल
गंगा है जटा में सर्प भाल
तन पे भभूत गल सर्प माल
शिव में समायी सारी सृष्टि
सृष्टि में शिव है समाया
ॐ नमः शिवाया, शिवाया, नमः शिवाया
पीके भंग भोले मलंग जब जोगनियो के संग डोले
भूत प्रेत औघड़ झूमे, महाकाल जटाये जब खोले
नरम तराज़ू शिव का डमरू, पाप पुण्य सबके तोले
अगड़ बम ब बम बगड़ बम ब बम, शिव में रविश धड़कन बोले
ॐ नमः शिवाया, शिवाया, नमः शिवाया
कालो के काल शिव महाकाल
उसे कौन छुए शिव जिसकी ढाल
गंगा है जटा में सर्प भाल
तन पे भभूत गल सर्प माल
शिव में समायी सारी सृष्टि
सृष्टि में शिव है समाया
ॐ नमः शिवाया, शिवाया, नमः शिवाया
In Hindu mythology, Lord Shiva is considered the destroyer of evil and is also associated with regeneration and meditation. He is often depicted as a yogi who is deep in meditation, seated on a tiger skin, with a trident in one hand and a snake around his neck.
The phrase "Shiv Mahakal" is used as a form of reverence and respect for Lord Shiva, acknowledging his supreme power and greatness. It is often chanted as a mantra by devotees who seek blessings and protection from Lord Shiva.