लोको मैं फ़कीर साईं दा साईं भजन

लोको मैं फ़कीर साईं दा साईं भजन

ओहदी फोटो वाली माला गल पाके,
ओहदे नाम वाली जोत जगा के,
लोको मैं फ़कीर साईं दा,
मैं हो गया फ़कीर साईं दा।।

इश्क दा ओहदे मैनू रंग चढ़ गया है,
सदा ले मैं साईं जी दा पला फड़ लिया है,
जाना होर दे न दर ओहदे जाके सदा रखना मैं दिल च वसा के,
लोको मैं फ़कीर साईं दा,
मैं हो गया फ़कीर साईं दा।।

रजा विच साईं जी दे दुःख सुख सहना है,
रेहमता दी खैर हूँ मंगदे रहना है,
ओहदे दर उते अलख जगा के झोली रखनी मैं सदा फैला के,
लोको मैं फ़कीर साईं दा,
मैं हो गया फ़कीर साईं दा।।

रोम रोम विच ओहदी प्रीत रच गई है,
अंखियां स सोहनी तस्वीर वस गई है,
महिमा साईं जी दी बेली तो लिखा के,
राके संस कहंदा महिमा गा गा के,
लोको मैं फ़कीर साईं दा,
मैं हो गया फ़कीर साईं दा।।


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About Bhajan -

Punjabi Sai Bhajan: Faqeer Sai Da
Singer: Rakesh Rana
Music Director: Vivek Aryan
Lyricist: Balbeer Beli
Artist: Rakesh Rana
Album: Faqeer Sai Da
Music Label: T-Series
 
साईं के प्रेम में डूबकर जब कोई भक्त उनकी फोटो वाली माला गले में डालता है और नाम की जोत अपने भीतर जगाता है, तो उसका जीवन फकीरी रंग में रंग जाता है। साईं के इश्क़ की यह मस्ती उसे हर दर, हर चाह और हर सांसारिक मोह से ऊपर उठा देती है। वह सिर्फ साईं का होकर, उनकी रज़ा में हर सुख-दुख को स्वीकार करता है और उनकी रहमत की झोली हमेशा फैला कर रखता है।

साईं की प्रीत उसके रोम-रोम में बस जाती है, और उनकी तस्वीर उसकी आँखों में रच जाती है। इस प्रेम में डूबा भक्त दुनिया की परवाह छोड़कर, बस साईं की महिमा गाता है और खुद को पूरी तरह उनके हवाले कर देता है। यही फकीरी, यही समर्पण और यही अनन्य प्रेम उसे सच्ची आत्मिक शांति और आनंद का अनुभव कराता है।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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