आत्मा का पर्यायवाची शब्द Aatma Ka Paryayvachi Shabd
इस लेख में आप आत्मा शब्द के हिंदी में पर्यायवाची (निकट अर्थ/समानार्थी शब्द ) शब्द/शब्दों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही आत्मा शब्द का हिंदी में अर्थ, विलोम शब्द और अंग्रेजी में मीनिंग निचे दिए गए हैं। आत्मा/Aatma हिंदी भाषा का एक शब्द है, जिसके पर्यायवाची (Synonyms) इस प्रकार से हैं :-
आत्मा के पर्यायवाची शब्द हिंदी में Aatma synonyms in Hindi
आत्मा के पर्यायवाची शब्द (synonyms) आत्मा, चेतनतत्तव, अंतःकरण, देव, चैतन्य, जीव। -आदि होते हैं।
आत्मा के अन्य पर्यायवाची शब्द हैं : -आत्मा, चेतनतत्तव, अंतःकरण, देव, चैतन्य, जीव, आत्मा, जीव, रूह, प्राण, जीवात्मा, जीव, जीवात्मा, हंसा, हंस, अंतरात्मा, रूह , देही, शरीरी, आतम |
आत्मा (Atma) - प्रत्येक जीव में निवास करने वाली अजरामर शक्ति। (The soul is the immortal power residing in every living being.)
चेतनतत्त्व (Chetan tatva) - उस आदिम सत्ता का नाम जो सबका जीवन और चेतना का कारण है। (Chetan tatva is the name of that primal force which is the cause of life and consciousness in all.)
अंतःकरण (Antahkaran) - मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार से मिलकर बना मनोविज्ञानी आंतरिक अंग। (Antahkaran is the internal aspect composed of mind, intellect, memory, and ego, forming the realm of psychological understanding.)
देव (Dev) - पूज्य और दिव्यता से युक्त अद्वितीय शक्तिस्वरूप परमात्मा। (Dev is the supreme divine power endowed with reverence and transcendence.)
चैतन्य (Chaitanya) - ऊर्जावान और चेतन होने की स्थिति जो जीवन की जड़ों में प्रवेश करती है। (Chaitanya is the state of being vibrant and conscious that enters the roots of life.)
जीव (Jeev) - संसार में अनेक रूपों में प्रकट होने वाला जीवी। (Jeev is the living being that manifests in various forms in the world.)
आत्मा (Atma) - उस अजरामर तत्त्व का नाम जो शरीर के बाहर अचल और अविनाशी होता है। (Atma is the name of that imperishable entity which exists beyond the body.)
जीव (Jeev) - उस जीवात्मा का नाम जो जन्म, मरण और पुनर्जन्म के चक्र में संसार में फिर-से आता-जाता है। (Jeev is the name of that individual soul which undergoes the cycle of birth, death, and rebirth in the world.)
रूह (Rooh) - उस अद्वितीय अंतरात्मा का नाम जो शरीर से अलग होकर अमरता का आनंद चाखती है। (Rooh is the name of that unique inner soul that experiences the bliss of immortality separate from the body.)
प्राण (Pran) - जीवन शक्ति और उसका चारों ओर व्याप्त होने वाला ऊर्जा रूपी तत्त्व। (Pran is the life force and the energy that pervades all around.)
चेतनतत्त्व (Chetan tatva) - उस आदिम सत्ता का नाम जो सबका जीवन और चेतना का कारण है। (Chetan tatva is the name of that primal force which is the cause of life and consciousness in all.)
अंतःकरण (Antahkaran) - मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार से मिलकर बना मनोविज्ञानी आंतरिक अंग। (Antahkaran is the internal aspect composed of mind, intellect, memory, and ego, forming the realm of psychological understanding.)
देव (Dev) - पूज्य और दिव्यता से युक्त अद्वितीय शक्तिस्वरूप परमात्मा। (Dev is the supreme divine power endowed with reverence and transcendence.)
चैतन्य (Chaitanya) - ऊर्जावान और चेतन होने की स्थिति जो जीवन की जड़ों में प्रवेश करती है। (Chaitanya is the state of being vibrant and conscious that enters the roots of life.)
जीव (Jeev) - संसार में अनेक रूपों में प्रकट होने वाला जीवी। (Jeev is the living being that manifests in various forms in the world.)
आत्मा (Atma) - उस अजरामर तत्त्व का नाम जो शरीर के बाहर अचल और अविनाशी होता है। (Atma is the name of that imperishable entity which exists beyond the body.)
जीव (Jeev) - उस जीवात्मा का नाम जो जन्म, मरण और पुनर्जन्म के चक्र में संसार में फिर-से आता-जाता है। (Jeev is the name of that individual soul which undergoes the cycle of birth, death, and rebirth in the world.)
रूह (Rooh) - उस अद्वितीय अंतरात्मा का नाम जो शरीर से अलग होकर अमरता का आनंद चाखती है। (Rooh is the name of that unique inner soul that experiences the bliss of immortality separate from the body.)
प्राण (Pran) - जीवन शक्ति और उसका चारों ओर व्याप्त होने वाला ऊर्जा रूपी तत्त्व। (Pran is the life force and the energy that pervades all around.)
आत्मा (Atma) - Soul, Spirit
चेतनतत्त्व (Chetan tatva) - Consciousness, Vital principle
अंतःकरण (Antahkaran) - Inner faculty, Inner consciousness
देव (Dev) - Deity, Divine being
चैतन्य (Chaitanya) - Consciousness, Vitality
जीव (Jeev) - Living being, Creature
आत्मा (Atma) - Self, Inner self
जीव (Jeev) - Individual soul, Life entity
रूह (Rooh) - Spirit, Essence
प्राण (Pran) - Life force, Vital energy
चेतनतत्त्व (Chetan tatva) - Consciousness, Vital principle
अंतःकरण (Antahkaran) - Inner faculty, Inner consciousness
देव (Dev) - Deity, Divine being
चैतन्य (Chaitanya) - Consciousness, Vitality
जीव (Jeev) - Living being, Creature
आत्मा (Atma) - Self, Inner self
जीव (Jeev) - Individual soul, Life entity
रूह (Rooh) - Spirit, Essence
प्राण (Pran) - Life force, Vital energy
- आत्मा अनंत और अमर होती है। (The soul is eternal and immortal.)
- ध्यान और आध्यात्मिक साधना से आत्मा का अनुभव हो सकता है। (The experience of the soul can be attained through meditation and spiritual practices.)
- प्रेम और करुणा से हम अपनी आत्मा को पहचान सकते हैं। (Through love and compassion, we can recognize our own soul.)
- आत्मा सभी जीवों में समान रूप से निवास करती है। (The soul resides equally within all living beings.)
- सच्ची आत्मिक संतुष्टि अन्तरंग शांति से ही प्राप्त होती है। (True spiritual contentment is attained through inner peace.)
- आत्मा का स्वरूप शुद्ध, ज्ञानमय और आनंदमय होता है। (The nature of the soul is pure, knowledgeable, and blissful.)
- आत्मा मनुष्य के शरीर से अलग होती है, यह सदैव अविनाशी है। (The soul is distinct from the human body and is eternal.)
- सभी जीवों की आत्मा में एकता और समानता होती है। (There is unity and equality within the souls of all living beings.)
- धर्म के माध्यम से आत्मा का परिचय होता है और स्वयं का उद्धार होता है। (Through the path of spirituality, the soul is recognized and self-liberation is attained.)
- ज्ञानी लोग अपनी आत्मा में परमात्मा का अनुभव करते हैं। (Enlightened individuals experience the presence of the Supreme Being within their own soul.)
आत्मा के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी :-
आत्मा शब्द हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण और गहरा अर्थ रखता है। यह हमारे अस्थायी शरीर से परे एक अद्वितीय और अमरत्व का प्रतीक है। आत्मा वह आत्मिक तत्त्व है जो हमारे शरीर, मन और बुद्धि से अलग होकर अस्तित्व में होती है।
आत्मा की उत्पत्ति और मूल अस्तित्व को लेकर अनेक धारणाएं और विचार हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में इसे परमात्मा या आध्यात्मिक शक्ति का हिस्सा माना जाता है। इसे सांसारिक जीवन के परे, निर्मल और निर्मलतम स्थिति के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
आत्मा का विलोम शब्द "अनात्मा" है, जो शरीर के बाहरी तत्त्वों और अनुभवों को संकेत करता है। यह विलोम शब्द द्वारा दर्शाया जाता है कि आत्मा शरीर के बाहर, जो अनित्य और अस्थायी होता है, से परे स्थित होती है और अमर होती है।
आत्मा की उत्पत्ति और मूल अस्तित्व को लेकर अनेक धारणाएं और विचार हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में इसे परमात्मा या आध्यात्मिक शक्ति का हिस्सा माना जाता है। इसे सांसारिक जीवन के परे, निर्मल और निर्मलतम स्थिति के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
आत्मा का विलोम शब्द "अनात्मा" है, जो शरीर के बाहरी तत्त्वों और अनुभवों को संकेत करता है। यह विलोम शब्द द्वारा दर्शाया जाता है कि आत्मा शरीर के बाहर, जो अनित्य और अस्थायी होता है, से परे स्थित होती है और अमर होती है।