मेरा शिव है भोला भाला लिरिक्स Mera Shiv Hai Bhola Lyrics


Naye Bhajano Ke Lyrics

मेरा शिव है भोला भाला लिरिक्स Mera Shiv Hai Bhola Lyrics

मेरा शिव है भोला भाला,
झोलियां भर देगा,
झोलियां भर देगा,
सावन में,
मेरा शिव है भोला भाला,
झोलियां भर देगा,
झोलियां भर देगा,
सावन में।

तुम हरिद्वार को जाना,
गंगा में डुबकी लगाना,
तुम हरिद्वार को जाना,
गंगा में डुबकी लगाना,
की पाप सारे कट जाएंगे,
सावन में,
मेरा शिव है भोला भाला,
झोलियां भर देगा,
झोलियां भर देगा,
सावन में।

तुम काशी नगरी जाना,
भोले के जय कारे लगाना,
तुम काशी नगरी जाना,
भोले के जय कारे लगाना,
की भोले तुम्हें मिल जाएंगे,
मेरा शिव है भोला भाला,
की झोलियां भर देगा,
की झोलियां भर देगा,
सावन में।

तुम केदारनाथ को जाना,
शिवलिंग में जल चढ़ाना,
तुम केदारनाथ को जाना,
शिवलिंग में जल चढ़ाना,
की कष्ट सारे मिट जाएंगे,
सावन में,
मेरा शिव है भोला भाला,
की झोलियां भर देगा,
की झोलियां भर देगा,
सावन में।

तुम नीलकंठ को जाना,
भोले को भोग लगाना,
तुम नीलकंठ को जाना,
भोले को भोग लगाना,
भंडारे तेरे भर जाएंगे,
सावन में,
मेरा शिव है भोला भाला,
की झोलियां भर देगा,
की झोलियां भर देगा,
सावन में।
 


मेरा शिव है भोला भाला।। भोलेनाथ का हिंदी भजन।। लिरिक्स - सुमन जखमोला

 भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अत्यंत सरल और भोले हैं। वे अहंकार, लालच और क्रोध जैसे दुर्गुणों से मुक्त हैं। वे सभी के प्रति दयालु और करुणावान हैं। वे अपने भक्तों के प्रति भी अत्यंत क्षमाशील हैं।

शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर शरारती और मज़ाकिया होते हैं। वे अपने भक्तों को प्रसन्न करने के लिए अक्सर नाटक करते हैं। वे अपने भक्तों को परीक्षा भी देते हैं, लेकिन अंत में उन्हें हमेशा सफलता मिलती है। भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अत्यंत सरल और भोले हैं। वे अहंकार, लालच और क्रोध जैसे दुर्गुणों से मुक्त हैं। वे सभी के प्रति दयालु और करुणावान हैं। वे अपने भक्तों के प्रति भी अत्यंत क्षमाशील हैं।
शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर शरारती और मज़ाकिया होते हैं। वे अपने भक्तों को प्रसन्न करने के लिए अक्सर नाटक करते हैं। वे अपने भक्तों को परीक्षा भी देते हैं, लेकिन अंत में उन्हें हमेशा सफलता मिलती है।
शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है, लेकिन शिव को मृत्यु का भी भय नहीं है। वे मृत्यु को भी एक चक्र के रूप में देखते हैं, और वे सभी को मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की आशा देते हैं।

शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है, लेकिन शिव को मृत्यु का भी भय नहीं है। वे मृत्यु को भी एक चक्र के रूप में देखते हैं, और वे सभी को मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की आशा देते हैं।
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