हृदयी रहा रे दयाघना कृष्णा भजन
हृदयी रहा रे दयाघना कृष्णा भजन
हृदयी रहा रे दयाघना,
मनो:शांती दे मन मोहना,
चरणी तुझ्याही प्रार्थना।।
तू जाणसी, की अजाण मी,
जगतो परी निष्प्राण मी।
प्राणेश्वरा, करुणाकरा,
संजीवनी दे जीवना।।
हृदयी रहा रे दयाघना...
लय, ताल, स्वर, झंकार तू,
श्वासातला ओंकार तू।
वर पामरा, दे श्रीधरा,
अखंडित राहो स्वराधना।।
हृदयी रहा रे दयाघना...
मनो:शांती दे मन मोहना,
चरणी तुझ्याही प्रार्थना।।
तू जाणसी, की अजाण मी,
जगतो परी निष्प्राण मी।
प्राणेश्वरा, करुणाकरा,
संजीवनी दे जीवना।।
हृदयी रहा रे दयाघना...
लय, ताल, स्वर, झंकार तू,
श्वासातला ओंकार तू।
वर पामरा, दे श्रीधरा,
अखंडित राहो स्वराधना।।
हृदयी रहा रे दयाघना...
|| हृदयी रहा रे दयाघना || ( गीत-संगीत : अरूण सराफ, स्वर : सुरेश वाडकर )
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Lyrics : Arun Saraf
Singer : Suresh Wadkar
Music : Arun Saraf
Music Arrangement : Appa Wadhavkar
Album : Hrudayee Rahaa Re Dayaghana
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Author - Saroj Jangir
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