श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी है तुलसी के बिना Shri Krishna Tulasi Charanamrit Importance Hindi

श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी है तुलसी के बिना Shri Krishna Tulasi Charanamrit Importance Hindi

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत ही पावन माना जाता है और आयुर्वेद में भी इसका ओषधिय महत्त्व वर्णित है। यह पौधा अपनेधार्मिक और आयुर्वेदिक गुणों के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है. तुलसी के पौधे का महत्व पद्मपुराण, ब्रह्मवैवर्त, स्कंद और भविष्य पुराण के साथ गरुड़ पुराण में भी वर्णित है. इन पौराणिक ग्रंथों के अलावा आयुर्वेद और विज्ञान ने भी इस पौधे को पर्यावरण एवं स्वस्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना है.
हिंदू धर्म में माना जाता है कि तुलसी के पौधे को छूने से ही व्यक्ति के पाप दूर हो जाते हैं. तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
 
तुलसी की आराधना करते हुए ग्रंथ लिखते हैं-

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्य वर्धिनी।
आधिव्याधि हरिर्नित्यं तुलेसित्व नमोस्तुते॥
 
 
हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपको नमस्कार है। अकाल मृत्यु हरण सर्व व्याधि विनाशनम्॥ तुलसी को अकाल मृत्यु हरण करने वाली और सम्पूर्ण रोगों को दूर करने वाली माना गया है।

रोपनात् पालनान् सेकान् दर्शनात्स्पर्शनान्नृणाम्।
तुलसी दह्यते पाप वाढुमतः काय सञ्चितम्॥
  
श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी है तुलसी के बिना Shri Krishna Tulasi Charanamrit Importance Hindi

तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भी भरपूर है. तुलसी के पत्तों का उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है. तुलसी के पत्तों का उपयोग सर्दी, खांसी, बुखार, डायरिया, अपच और अस्थमा जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
 

तुलसी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

तुलसी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है. यह पौधा हिंदुओं के लिए एक पवित्र पौधा है और इसे भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण को समर्पित माना जाता है. तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. तुलसी के पौधे को पूजा में भी इस्तेमाल किया जाता है और माना जाता है कि तुलसी के पत्तों को भगवान को अर्पित करने से व्यक्ति के पाप दूर हो जाते हैं.

तुलसी के पौधे का ज्योतिषीय महत्व भी बहुत अधिक है. माना जाता है कि तुलसी के पौधे को घर में लगाने से वास्तुदोष दूर हो जाते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तुलसी के पौधे को घर के पूर्व-उत्तर कोने में लगाना चाहिए. माना जाता है कि तुलसी के पौधे को घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे वास्तुदोष होता है.

गरुड़ पुराण में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. पुराण में कहा गया है कि तुलसी का पौधा लगाने, उसे सींचने, ध्यान करने, स्पर्श करने और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्व जन्म के पाप खत्म हो जाते हैं. इसलिए, तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. तुलसी के पौधे को पूजा में भी इस्तेमाल किया जाता है और माना जाता है कि तुलसी के पत्तों को भगवान को अर्पित करने से व्यक्ति के पाप दूर हो जाते हैं.

ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खण्ड में वर्णित है मृत्यु के तुलसी से युक्त जल का सेवन करने से समस्त प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है और उसकी नित्य पूजा होती है, वहां यमदूत नहीं प्रवेश करते। स्कन्द पुराण के अनुसार बासी फूल और बासी जल को पूजा के लिए अनुमति नहीं है, हालांकि तुलसीदल और गंगाजल बासी होने पर भी इनकी अनुमति है, जो इनके महत्त्व को दर्शाते हैं।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में उल्लिखित है कि जिन घरों में तुलसी की पूजा होती है और वहां पर तुलसी का पौधा लगाकर रखा जाता है, वहां कल्याणकारिणी, धन प्राप्ति, पुण्यदायिनी और हरिभक्ति की वर्षा होती है। सुबह-सुबह तुलसी के पौधे की दर्शन करने से सवा मास के बराबर पुण्य प्राप्त होता है, जिसका मतलब सवा ग्राम सोने के दान के बराबर होता है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा एक बहुत ही शुभ पौधा है. इसे घर में लगाने से वास्तुदोष दूर होते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. तुलसी का पौधा घर के पूर्व-उत्तर कोने में लगाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से सबसे ज्यादा लाभ मिलता है. तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से वास्तुदोष होता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि नहीं आती है.
 

तुलसी का आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक महत्व

आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को कई तरह के औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. तुलसी के पत्तों में पारा होता है, जो एक भारी धातु है. भारी धातुएं दांतों के लिए हानिकारक हो सकती हैं, इसलिए तुलसी के पत्तों को दांतों से चबाना नहीं चाहिए. ऐसा करने से दांत खराब हो सकते हैं.

तुलसी एक जड़ी बूटी है जो प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में उपयोग की जाती है. इसमें कई औषधीय गुण हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण शामिल हैं. तुलसी के नियमित सेवन से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:-

  • इम्यूनिटी को बढ़ाता है
  • सर्दी और बुखार से बचाता है
  • अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत देता है
  • डायबिटीज को नियंत्रित करता है
  • हृदय रोग को रोकता है
  • कैंसर के जोखिम को कम करता है
  • माइग्रेन और अन्य सिरदर्द से राहत देता है
  • पाचन को बेहतर बनाता है
  • त्वचा को स्वस्थ रखता है
  • दिमाग को तेज करता है
  • तनाव और चिंता को कम करता है

तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह भी नियंत्रित होता है और व्यक्ति की उम्र बढ़ती है. तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जो उम्र बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक हैं. इसके अलावा, तुलसी में मौजूद अन्य यौगिक शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करते हैं.
 

पूजा में क्यों इस्तेमाल होती है तुलसी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है. इसलिए, भगवान विष्णु की पूजा के समय तुलसी का भोग लगाना अनिवार्य माना जाता है. राम भक्त हनुमान को तुलसी का भोग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी के भोग से हनुमान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. हनुमान को तुलसी का भोग लगाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी के भोग से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
 

तुलसी का धार्मिक महत्व

तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है. इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जो समृद्धि और धन की देवी हैं. इसलिए, घर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है. यह भी विश्वसनीय मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति की मौत होती है, तो उसकी आत्मा को शांति मिलने के लिए गंगा जल में तुलसी को मिलाकर उसके मुख में डालना चाहिए, ऐसा करने से उसे पापों से मुक्ति मिलती है।

तुलसी के फायदे

तुलसी एक पवित्र पौधा है और इसे हिन्दू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. इसलिए, तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. तुलसी के पौधे को घर में रखने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है.
तुलसी के पौधे को घर में लगाने के कुछ नियम हैं. इन नियमों का पालन करने से तुलसी के पौधे से अधिक लाभ प्राप्त होता है.
  • तुलसी के पौधे को घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए.
  • तुलसी के पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए.
  • तुलसी के पौधे को रोजाना सुबह जल से सींचना चाहिए.
  • तुलसी के पौधे को एकादशी और रविवार के दिन छोड़कर अन्य सभी दिनों में जल चढ़ाना चाहिए.
  • तुलसी के पौधे को कभी भी काटना या तोड़ना नहीं चाहिए.
तुलसी के पौधे को घर में रखने से कई लाभ होते हैं. कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
  • तुलसी के पौधे से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है.
  • तुलसी के पौधे से वास्तु दोष दूर होते हैं.
  • तुलसी के पौधे से घर में बीमारियों का खतरा कम होता है.
  • तुलसी के पौधे से मानसिक शांति मिलती है.
  • तुलसी के पौधे से पारिवारिक कलह दूर होते हैं.

तुलसी का पौधा हमारे लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है, जिस घर में यह वास करता है, वहां आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि स्वतः ही प्रवेश करती है। इसके साथ ही यह घर के वातावरण की शुद्धता और स्वच्छता को बनाए रखने, प्रदूषण को दूर करने, परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्यमंद रहने, जैसे अनेक गुण हैं।

नियमित तुलसी के सेवन से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, विचारों में पवित्रता पैदा होती है, मन में एकाग्रता की स्थिति आती है, और क्रोध का पूरी तरह से नियंत्रण हो जाता है। तुलसी एक प्रकार की संजीवनी बूटी होती है, जो आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। तुलसी को प्रत्यक्ष देव मानने और मंदिरों एवं घरों में उसे लगाने, पूजा करने के पीछे यही कारण है कि यह सर्व दोष निवारक औषधि सर्व सुलभ तथा सर्वोपयोगी है.

तुलसीनामाष्टक का जप करें

वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपुजिता, विश्वपावनी ।
पुष्पसारा, नंदिनी च तुलसी, कृष्णजीवनी ॥
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम ।
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ॥

वृन्दायै नमः ।
वृन्दावन्यै नमः ।
विश्वपूजितायै नमः ।
विश्वपावन्यै नमः ।
पुष्पसारायै नमः ।
नन्दिन्यै नमः ।
तुलस्यै नमः ।
कृष्णजीवन्यै नमः ॥8॥ श्रीतुलसीनामाष्टकस्तोत्रम् अष्टनामावलिश्च ॥

वृन्दा वृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी ।
पुष्पसारा नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनी ॥
एतन्नामाष्टकं स्तोत्रं पठन्मङ्गलमाप्नुयात् ।

तुलसी पूजा ऐसे करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए, तुलसी की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. भगवान विष्णु को भी तुलसी बहुत प्रिय है. इसलिए, तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है. तुलसी के पौधों के पास तुलसी स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक इच्छित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही, तुलसी की पूजा से नकारात्मक विचारों और ऊर्जाओं का नाश होता है। पद्मपुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति तुलसी के पत्तों से टपकते जल को अपने सिर पर लगाता है, तो इसका महत्व गंगा में पवित्र स्नान के समान माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से रोग नष्ट होते हैं और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

तुलसी पूजा विधि इस प्रकार है:
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.- तुलसी पूजा करने से पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. स्नान करने से शरीर और मन शुद्ध हो जाता है, और पूजा करने के लिए मन को शांत और केंद्रित करने में मदद मिलती है.
  • तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें- तुलसी पूजा करने के बाद, तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें. जल का अर्पण करने से पौधा पवित्र हो जाता है, और पूजा करने वाले को भी पवित्रता प्राप्त होती है.
  • सिंदूर लगाएं और फूल चढ़ाएं-तुलसी के पौधे को सिंदूर लगाएं और फूल चढ़ाएं. सिंदूर को देवी पार्वती का प्रतीक माना जाता है, और फूलों को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.
  • अगरबत्ती और दीया (दीया) जलाएं- तुलसी के पौधे के पास अगरबत्ती और दीया (दीया) जलाएं. अगरबत्ती और दीया को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जलाया जाता है.
  • तुलसी स्तोत्र का जाप कर पूजा अर्चना करें- तुलसी स्तोत्र का जाप कर पूजा अर्चना करें. तुलसी स्तोत्र एक पवित्र स्तोत्र है, जो तुलसी के पौधे की महिमा का वर्णन करता है.

वास्तु शास्त्र में तुलसी के पौधे का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इस दिशा को देवताओं का स्थान माना जाता है और तुलसी के पौधे को यहां लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक महीने के किसी भी गुरुवार को तुलसी का पौधा घर में लाना शुभ माना जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है, और भगवान विष्णु के रूप में, तुलसी को भगवान कृष्ण के प्रति समर्पण के समान महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार को तुलसी का पौधा घर लाना शुभ माना जाता है. कार्तिक मास हिंदू धर्म में एक पवित्र महीना है और इस महीने में तुलसी का पौधा लगाना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को हमेशा घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इस दिशा को देवताओं का स्थान माना जाता है और तुलसी के पौधे को यहां लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तुलसी के पौधे को कभी भी घर के प्रवेश द्वार या जहां कचरा रखा जाता है या चप्पल उतारी जाती है वहां नहीं रखना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि तुलसी एक पवित्र पौधा है और इसे अशुद्ध स्थानों पर नहीं रखना चाहिए. यदि आप तुलसी के पौधे को इन स्थानों पर रखते हैं, तो यह आपके घर में अशांति और कलह का कारण बन सकता है.

तुलसी के बीजों से बनी माला पहनने की भी सलाह दी जाती है. तुलसी का एक पत्ता भी श्राद्ध और यज्ञ आदि में बड़ा पुण्य देने वाला होता है। तुलसी की माला पहनने से भी पुण्य प्राप्त होता है. तुलसी का एक पत्ता भी श्राद्ध और यज्ञ आदि में बड़ा पुण्य देता है. तुलसी पूजा एक बहुत ही सरल और लाभकारी प्रक्रिया है. जो कोई भी तुलसी पूजा करता है, उसे अवश्य ही इसका लाभ मिलता है.
 
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