भिखारी के घर में दाता पधारे भजन

भिखारी के घर में दाता पधारे भजन

 भिखारी के घर में दाता पधारे,
बड़े ही अनोखे हैं भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे।।

करुणा का सिंधु आया है चलकर,
सागर ही आ गया प्यासे के दर पर,
आए थे राम जैसे भीलनी के द्वारे,
बड़े ही अनोखे हैं भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे।।

कभी सोचता हूँ, सच है या सपना,
संवारे के लायक तो नहीं घर ये अपना,
टूटा सा घर है, टूटी दीवारें,
बड़े ही अनोखे हैं भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे।।

कहाँ मैं बिठाऊँ, क्या मैं खिलाऊँ,
स्वागत में इसको क्या पहनाऊँ,
भिक्षा में सब कुछ इसी से मिला रे,
बड़े ही अनोखे हैं भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे।।

सदा इसके दर पे जाता हूँ लेने,
आज मेरा सेठ खुद ही आया है देने,
बिन तुम्हारे तो हुए वारे-न्यारे,
बड़े ही अनोखे हैं भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे।।


भिखारी के घर में दाता पधारे !! Naresh Narsi & Palak !! Bhikhari Ke Ghar Mein Data Padhare
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