काली कमली वाला मेरा यार है लिरिक्स Kali Kamali Wala Mera Yar Hai Lyrics

श्री कृष्णा को "काली कमली वाला" कहा जाता है क्योंकि वह एक काले रंग का कंबल और शॉल पहनते थे। काला रंग अक्सर शक्ति और अधिकार का प्रतीक होता है। कृष्णा एक महान योद्धा और शासक थे, इसलिए काली कमली उनके शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। कृष्णा को "काली कमली वाला" कहा जाने का एक और कारण यह है कि वह अक्सर गोकुल के गोपियों के साथ रहते थे। गोपियाएं अक्सर कृष्णा की सुंदरता और आकर्षण की प्रशंसा करती थीं। वे कृष्णा को "काली कमली वाला" कहकर पुकारती थीं। कृष्णा को "काली कमली वाला" कहा जाना एक प्यारा और सम्मानजनक तरीका है। यह उनके सुंदरता, आकर्षण और गोपियों के साथ उनके गहरे संबंध का प्रतीक है।

Naye Bhajano Ke Lyrics

काली कमली वाला मेरा यार है लिरिक्स Kali Kamali Wala Mera Yar Hai Lyrics : Krishna Bhajan, Chitra Vichitra Bhajan

काली कमली वाला मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है,
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है।

मन मोहन मैं तेरा दीवाना,
गाउँ बस अब यही तराना,
श्याम सलोने तू मेरा रिजवार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है।।

तू मेरा मैं तेरा प्यारे,
यह जीवन अब तेरे सहारे,
हाथ तेरे इस जीवन की पतवार है,
मेरे मन का मोहन तू दिलदार है।।

पागल प्रीत की एक ही आशा,
दर्दे दिल दर्शन का प्यासा,
तेरे हर वादे पे मुझे ऐतबार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है।।

तुझको अपना मान लिया है,
यह जीवन तेरे नाम किया है,
चित्र विचित्र को बस तुमसे ही प्यार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है।।

काली कमली वाला मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है,
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है।
 



Kali Kamli Wala Mera Yaar || Latest Krishna Song || HD || FULL SONG || Chitra Vichitra #Saawariya

 
श्री कृष्ण जी को हिंदू धर्म में एक दैवीय व्यक्ति के रूप में पूजा जाता है। उन्हें भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में माना जाता है। कृष्ण जी को उनकी सुंदरता, आकर्षण, साहस, बुद्धि और दया के लिए जाना जाता है। श्री कृष्ण जी के कई नाम हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अर्थ है। यहां उनके कुछ प्रमुख नामों और उनके अर्थों का विस्तृत उल्लेख किया गया है:

कृष्ण: कृष्ण का अर्थ है "काला, आकर्षक, सुंदर"। कृष्ण जी का नाम उनके काले रंग के कारण पड़ा है। हिंदू धर्म में, काला रंग अक्सर सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक होता है। कृष्ण जी का रंग उनके माता-पिता के रक्त के मिश्रण के कारण था। कृष्ण जी के पिता वासुदेव और माता देवकी थे। वासुदेव एक राजा थे और देवकी उनकी पत्नी थीं। देवकी के भाई कंस एक दुष्ट राजा थे। कंस को भविष्यवाणी सुनाई गई थी कि उसकी बहन देवकी के एक पुत्र से उसका वध होगा। इसलिए, कंस ने देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया और उनकी सभी बेटियों को मार डाला। कृष्ण जी के जन्म के बाद, वासुदेव ने उन्हें गोकुल में नंद और यशोदा के पास छोड़ दिया। गोकुल में, कृष्ण जी ने अपने बचपन का अधिकांश समय गाय चराते हुए बिताया।

वासुदेव: वासुदेव का अर्थ है "वासु का पुत्र"। वासुदेव कृष्ण जी के पिता थे। वासुदेव एक राजा थे और देवकी उनकी पत्नी थीं। देवकी के भाई कंस एक दुष्ट राजा थे। कंस को भविष्यवाणी सुनाई गई थी कि उसकी बहन देवकी के एक पुत्र से उसका वध होगा। इसलिए, कंस ने देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया और उनकी सभी बेटियों को मार डाला। कृष्ण जी के जन्म के बाद, वासुदेव ने उन्हें गोकुल में नंद और यशोदा के पास छोड़ दिया। गोकुल में, कृष्ण जी ने अपने बचपन का अधिकांश समय गाय चराते हुए बिताया।
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