तू बुला ले बुला ले बुलाले ओ मैया अपने दरबार
तू बुला ले बुला ले बुलाले ओ मैया अपने दरबार
माँ बैठी मेरी ऊंचे पर्वत पर,
मुझसे चढ़ा ना जाए,
कोई कह दो जाकर माँ को,
मेरी बांह पकड़ ले जाए।।
कैसे मैं माँ से दूर रहूंगा,
ऐसी जुदाई मैं ना सहूंगा,
माँ तू अपने द्वार बुला ले,
या दुनिया से मुझको उठा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
छोड़कर तेरा दर मैं कहां जाऊं,
और दुखड़े अपने तेरे सिवा,
माँ किसको सुनाऊं।।
कैसे आऊं वहां तेरा मंदिर जहां,
दिल की फरियाद कैसे सुनाऊं,
दिल भी बेचैन है, रोता दिन-रैन है,
धीर इसको मैं कैसे बंधाऊं,
अपने दर की राह दिखा दो,
क्यों रूठी हो, ये तो बता दो,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
चाहे एक बार हो तेरा दीदार हो,
लागी तुमसे लगन माँ भवानी,
तेरे दर पर रहूं और कुछ ना कहूं,
लाज रखना मेरी मातारानी,
तेरे सिवा अब कोई नहीं है,
मेरा गुजारा बस माँ यही है,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
जख्म खाकर दिन को गुजारा है,
और दर्द में पूरी रात है,
और तेरे बेटे को माँ भवानी,
बस तेरा इंतजार है।।
प्रेमी पागल दीवाना है,
ढूंढता तेरा ठिकाना है,
तुम्हें पाकर रहूंगा मैं,
लाख मुश्किल सहूंगा मैं,
तमन्ना पूरी माँ कर दो,
दया से हाथ अब धर दो,
नहीं मैं खाली जाऊंगा,
तेरा दीदार पाऊंगा,
भटके हुए को राह दिखा दे,
आया हूं दर पे, गले से लगा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
बोलिए राजराजेश्वरी,
जगजननी माँ,
परम ललिता माँ त्रिपुरा सुंदरि,
श्री सर्वशक्ति बिजासन रानी की जय।।
मुझसे चढ़ा ना जाए,
कोई कह दो जाकर माँ को,
मेरी बांह पकड़ ले जाए।।
कैसे मैं माँ से दूर रहूंगा,
ऐसी जुदाई मैं ना सहूंगा,
माँ तू अपने द्वार बुला ले,
या दुनिया से मुझको उठा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
छोड़कर तेरा दर मैं कहां जाऊं,
और दुखड़े अपने तेरे सिवा,
माँ किसको सुनाऊं।।
कैसे आऊं वहां तेरा मंदिर जहां,
दिल की फरियाद कैसे सुनाऊं,
दिल भी बेचैन है, रोता दिन-रैन है,
धीर इसको मैं कैसे बंधाऊं,
अपने दर की राह दिखा दो,
क्यों रूठी हो, ये तो बता दो,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
चाहे एक बार हो तेरा दीदार हो,
लागी तुमसे लगन माँ भवानी,
तेरे दर पर रहूं और कुछ ना कहूं,
लाज रखना मेरी मातारानी,
तेरे सिवा अब कोई नहीं है,
मेरा गुजारा बस माँ यही है,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
जख्म खाकर दिन को गुजारा है,
और दर्द में पूरी रात है,
और तेरे बेटे को माँ भवानी,
बस तेरा इंतजार है।।
प्रेमी पागल दीवाना है,
ढूंढता तेरा ठिकाना है,
तुम्हें पाकर रहूंगा मैं,
लाख मुश्किल सहूंगा मैं,
तमन्ना पूरी माँ कर दो,
दया से हाथ अब धर दो,
नहीं मैं खाली जाऊंगा,
तेरा दीदार पाऊंगा,
भटके हुए को राह दिखा दे,
आया हूं दर पे, गले से लगा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले, बुला ले,
बुला ले ओ मैया,
अपने दरबार में तू बुला ले।।
बोलिए राजराजेश्वरी,
जगजननी माँ,
परम ललिता माँ त्रिपुरा सुंदरि,
श्री सर्वशक्ति बिजासन रानी की जय।।
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Author - Saroj Jangir
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