काला काला कहवे र गुजरी भजन

काला काला कहवे र गुजरी भजन

काला काला कहवे रे गुजरी,
मत काले का जिक्र करै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

मोटे-मोटे नैन राधा के,
जिनमें सुरमा खूब सजै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

लाम्बे-लाम्बे केश राधा के,
जिनमें मांग सिंदूर भरै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

लाम्बे-लाम्बे पंख मोर के,
जिनके सिर पर मुकुट सजै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

हरे-हरे बांसां की बंसी,
जिसका खोया जगत फिरै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

काला-काला मेरा सांवरिया,
जिसकी सुरत मन में बसै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।

काला काला कहवे रे गुजरी,
मत काले का जिक्र करै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे रे गुजरी।।



काला काला कहे गुजरी गाने पे ऐसा डांस पहले कभी नहीं देखा होगा Kala Kala Kahe Gujari | Krishna Bhajan

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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