मनुष्य जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे

मनुष्य जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे

मनुष्य जनम अनमोल रे, मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं रे, कभी नहीं रे, कभी नहीं रे।।

तू सत्संग में आया कर, गीत प्रभु के गाया कर,
सांझ सवेरे बैठ के बंदे, गीत प्रभु के गाया कर,
नहीं लगता कुछ मोल रे, मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।।

तू है बुदबुद पानी का, मत कर जोर जवानी का,
समझ संभल के कदम रखो, पता नहीं जिंदगानी का,
सबसे मीठा बोल रे, मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।।

मतलब का संसार है, इसका क्या ऐतबार है,
संभल संभल के कदम रखो, फूल नहीं अंगारे हैं,
मन की आंखें खोल रे, मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।।

मनुष्य जनम अनमोल रे, मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।।


Manushya Janm Anmol re || मनुष्य जन्म अनमोल रे || Kanhaiya Agiwal Live

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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