ओंकारं निरंकारं लिरिक्स Omkaram Nirankaram Bhajan Lyrics

ओंकारं निरंकारं लिरिक्स Omkaram Nirankaram Bhajan Lyrics


ओंकारं निरंकारं लिरिक्स Omkaram Nirankaram Bhajan Lyrics


ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं,
ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं,
अब हम आपको सुनायेंगे,
भगवान शिव,
और नंदी से जुड़ी,
एक कथा,
पौराणिक हिंदू पुराण,
शिव पुराण में,
एक कथा मिलती है,
जिसके अनुसार,
शिलाद नामक मुनि के,
ब्रह्मचारी हो जाने के कारण,
उनका वंश,
समाप्ति की ओर,
अग्रसर हो रहा था,
यह देख,
उनके पितरों की चिंता,
बढ़ गई,
मुनि तप और योग में,
लीन रहते थे,
जिसके कारण,
वे ग्रहस्थ जीवन में,
प्रवेश नहीं करना चाहते,
शिलाद ऋषि ने,
पुत्र की कामना के लिए,
देवराज इंद्र को,
प्रसन्न करने के लिए,
तप किया,
इन्द्र देव,
मुनि की तपस्या से,
प्रसन्न हुए,
तब मुनि ने इंद्र देव से,
वरदान मांगा,
कि जो बच्चा,
जन्म और मृत्यु के,
बंधन से मुक्त हो,
उन्हें ऐसे पुत्र की ही,
कामना है,
लेकिन इंद्र देव ने उन्हें,
इस प्रकार का,
कुछ भी वरदान देने में,
असमर्थता प्रकट की,
इसके बाद,
शिलाद मुनि ने,
भगवान शिव की,
कठोर तपस्या की,
मुनि की तपस्या से,
प्रसन्न हो कर,
भगवान शिव ने,
मुनि को,
स्वयं पुत्र के रूप में,
प्रकट होने का,
वरदान दिया,
भगवान शंकर से,
वरदान प्राप्त करने के,
कुछ समय बाद,
शिलाद मुनि,
अपना खेत जोत रहे,
तब धरती से,
एक बालक प्रकट हुआ,
शिलाद मुनि ने,
उस बालक का नाम,
नंदी रखा,
जब नंदी बड़े हुए,
तब भगवान शंकर ने,
मित्र और वरुण नाम के,
दो मुनियों को,
शिलाद मुनि के,
आश्रम में भेजा,
जिन्होने नंदी के,
अल्पायु होने की,
भविष्य वाणी की,
नंदी को जब ये बात,
पता लगी तब उन्होंने,
मृत्यु को जीतने के लिए,
भगवान भोले नाथ की,
कठोर तपस्या प्रारम्भ की,
भोलेनाथ नंदी की तपस्या से,
अति प्रसन्न हुए,
और वरदान में नंदी को,
मृत्यु भय से मुक्त किया,
भोलेनाथ ने,
माता पार्वती की सहमति से,
सम्पूर्ण गणों,
और वेदों के समक्ष,
सभी गणों के,
अधिपति के रूप में,
नंदी का अभिषेक कराया,
भगवान शिव ने,
नंदी को,
यह वरदान भी दिया,
कि जहां भी नंदी,
निवास करेंगे,
उस स्थान पर,
शिव का भी निवास होगा,
यही कारण है,
कि हर मंदिर,
या शिवालय में,
जहां भी भगवान,
शिव होते हैं,
वहां नंदी भी होते हैं,
और जहां नंदी होते हैं,
वहां तो भगवान,
भोलेनाथ स्वयं होते हैं,
ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं,
ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं,
आइए जानते हैं,
कि भगवान शिव की,
जटाओं से,
गंगा क्यों बहती है,
शंकर भगवान से जुड़ी,
हर चीज़ के,
कोई ना कोई मायने,
अवश्य होते हैं,
ठीक इसी प्रकार,
उनकी जटाओं से बहने वाली,
गंगा के पीछे भी,
एक कथा है,
आपकी जानकारी के लिए,
बता दें कि गंगा नदी,
पहले पृथ्वी पर नहीं थी,
वो स्वर्ग लोक में बहती थी,
ऐसा क्या हुआ,
जिसकी वजह से,
गंगा मैया को,
पृथ्वी पर आना पड़ा,
हम आपको बताते हैं,
कि आखिर इसके पीछे की,
कहानी क्या है,
तो गंगा माँ को,
शास्त्रों में,
देवी कहा गया है,
भागीरथ नाम के,
एक प्रतापी राजा थे,
और वो चाहते थे,
कि उनके पूर्वजों को,
जीवन मरण के दोष से,
मुक्त करदें,
और इसके लिए,
माँ गंगा को,
धरती पर आना होता,
उन्होंने अपनी इस इच्छा को,
पूरा करने के लिये,
माँ गंगा की तपस्या की,
और वो उनकी तपस्या से,
प्रसन्न भी हो गई थी,
लेकिन उन्होंने बताया,
कि यदि वो,
स्वर्ग से पृथ्वी पर आयेंगी,
तो पृथ्वी उनके प्रवाह को,
बर्दाश्त नहीं कर पायेगी,
यह बात सुनकर,
भागीरथ विचार में पड़ गए,
कि माँ गंगा को धरती पर लाना,
कैसे संभव होगा,
फिर उन्होंने भगवान शिव की,
तपस्या की और उन्हें,
प्रसन्न भी कर लिया,
भगवान शिव ने,
उनसे वरदान माँगने को कहा,
तो भागीरथ ने,
भगवान से माँ गंगा के,
पृथ्वी पर आने की,
इच्छा जताई,
और अपने मन की सारी बात,
उनके समक्ष व्यक्त की,
फिर क्या था,
सबके दुखों को,
दूर करने वाले,
शंकर भगवान,
भागीरथ की इच्छा को,
कैसे न पूरा करते,
जैसे ही माँ गंगा,
पृथ्वी पर आने लगी,
प्रभु ने,
उन्हें अपनी जटाओं में,
धर लिया,
और फिर उनकी जटाओं से,
गंगा मैया,
सात धाराओं में,
प्रवाहित हो गई।

ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं,
ओंकारं निरंकारं,
साकारं शिव शंकरं।


ओंकारं निरंकारं | Omkaram Nirankaram | Shiv Bhajan | Shiv Songs | Bhakti Songs | Shiv Ji Ki Bhajan


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 
Singer: Abhijeet Ghoshal
Lyrics: Kameshwar Shukla
Music: Kashyap Vora
Music Label: Wings Music


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url