स्कंद षष्ठी का महत्व और पूजा विधि
स्कंद षष्ठी क्या है
यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से कार्तिक मास की स्कंद षष्ठी का महत्व अधिक है। स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद और मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्कंद षष्ठी का महत्व
स्कंद षष्ठी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र, भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। उन्हें युद्ध और शक्ति का देवता माना जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय ने राक्षस सुरपद्मन का वध किया था। जो अधर्म और बुराई का प्रतीक था। यह विजय अच्छाई की बुराई पर जीत को बताता है। इस दिन भगवान मुरुगन की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्कंद षष्ठी का व्रत बुरी शक्तियों से मुक्ति दिलाता है। इस दिन व्रत रखने से मन, वचन और कर्म पवित्र होते हैं।इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगले दिन अन्न ग्रहण किया जाता है और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।
स्कंद षष्ठी पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा होती है। उन्हें शक्ति और पराक्रम का देवता माना गया है। इस दिन उनकी कृपा पाने के लिए लोग मुरुगन मंदिर जाते हैं। इस दिन उपवास रखते हैं। पूरे दिन फलाहार पर रहते हैं, तो कुछ जल तक नहीं पीते। भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाकर, फूल चढ़ाकर और विशेष मंत्रों का जाप करते हैं। दक्षिण भारत में भक्त मंदिरों में कावड यात्रा निकालते हैं और विशेष रूप से भगवान मुरुगन के प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन करते हैं। इस दिन भगवान कार्तिकेय की सुरपद्मन पर विजय की कथा को नाटक और संगीत के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रमुख स्थान जहां स्कंद षष्ठी मनाई जाती है
तमिलनाडु के अरुपदई वेडु (भगवान मुरुगन के छह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल) जैसे तिरुपरंकुंद्रम, पालयमकोट्टई और स्वामीमलाई में स्कंद षष्ठी बड़े स्तर पर मनाई जाती है।
स्कंद षष्ठी फरवरी (माघ) 2025 कब मनाई जायेगी
साल 2025 में माघ महीने में स्कंद षष्ठी 3 फरवरी को मनाई जायेगी। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है।
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2025 में स्कंद षष्ठी की सभी तिथियां निम्न हैं
- 5 जनवरी 2025, रविवार
- 3 फरवरी 2025, सोमवार
- 4 मार्च 2025, मंगलवार
- 3 अप्रैल 2025, गुरुवार
- 2 मई 2025, शुक्रवार
- 1 जून 2025, रविवार
- 30 जून 2025, सोमवार
- 30 जुलाई 2025, बुधवार
- 28 अगस्त 2025, गुरुवार
- 27 सितंबर 2025, शनिवार
- 27 अक्टूबर 2025, सोमवार
- 26 नवंबर 2025, बुधवार
- 25 दिसंबर 2025, गुरुवार
पूजा विधि
1. पवित्र नदियों या घर में स्नान करें।
2. भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें।
3. घी के दीपक जलाकर आरती करें।
4. प्रार्थना के लिए मुरुगन मंदिर जाएं।
5. फलाहार या निर्जल उपवास करें।
व्रत से लाभ
स्कंद षष्ठी का व्रत करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। मन शुद्ध और शांत रहता है। भगवान की कृपा से जीवन में सफलता मिलती है।
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Author - Saroj Jangir
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