गोरखपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना

गोरखपुर (हरियाणा) परमाणु ऊर्जा परियोजना: उत्तर भारत की पहली परमाणु परियोजना सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

1. गोरखपुर (हरियाणा) परमाणु ऊर्जा परियोजना (GHAVP) कहां स्थित है?
A) पंजाब
B) उत्तर प्रदेश
C) हरियाणा
D) राजस्थान
उत्तर: C) हरियाणा

2. GHAVP कितने मेगावाट क्षमता की परियोजना है?
A) 1,400 मेगावाट
B) 2,800 मेगावाट
C) 3,000 मेगावाट
D) 5,000 मेगावाट
उत्तर: B) 2,800 मेगावाट

3. GHAVP में कितने परमाणु रिएक्टर शामिल हैं?
A) 2
B) 4
C) 6
D) 8
उत्तर: B) 4

4. GHAVP के पहले चरण की अनुमानित पूर्णता कब तक होगी?
A) 2025
B) 2027
C) 2029
D) 2031
उत्तर: C) 2029

5. GHAVP परियोजना का दूसरा चरण कब तक पूरा होने की योजना है?
A) 2030
B) 2032
C) 2036
D) 2040
उत्तर: C) 2036

6. GHAVP के पहले चरण की अनुमानित लागत कितनी है?
A) ₹10,000 करोड़
B) ₹15,000 करोड़
C) ₹20,594 करोड़
D) ₹25,000 करोड़
उत्तर: C) ₹20,594 करोड़

7. परियोजना के संचालन के दौरान कितने रोजगार उत्पन्न होंगे?
A) 500
B) 1,000
C) 2,000
D) 5,000
उत्तर: C) 2,000

8. GHAVP किस प्रकार का परमाणु रिएक्टर उपयोग करता है?
A) प्रेसराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (IPHWR)
B) लाइट वाटर रिएक्टर
C) फास्ट ब्रीडर रिएक्टर
D) थर्मल रिएक्टर
उत्तर: A) प्रेसराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (IPHWR)

9. परियोजना निर्माण के दौरान कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
A) 2,000
B) 5,000
C) 8,000
D) 10,000
उत्तर: C) 8,000

10. CSR पहल के तहत कौन-सी गतिविधियां शामिल नहीं हैं?
A) स्कूलों में बुनियादी ढांचे का निर्माण
B) खेल स्टेडियम निर्माण
C) गौशालाओं का नवीनीकरण
D) दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपकरण उपलब्ध कराना
उत्तर: B) खेल स्टेडियम निर्माण

11. GHAVP परियोजना किस जिले में स्थित है?
A) हिसार
B) फतेहाबाद
C) रोहतक
D) करनाल
उत्तर: B) फतेहाबाद

19 मार्च 2025 को, गोरखपुर हरियाणा परमाणु ऊर्जा परियोजना (GHAVP) को उत्तर भारत की पहली परमाणु परियोजना के रूप में चिन्हित किया गया। यह हरियाणा राज्य के फतेहाबाद जिले में स्थित गोरखपुर गांव में बनाई जा रही है।

महत्वपूर्ण तथ्य: परियोजना की क्षमता: इसमें चार 700 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर होंगे, जिससे कुल 2,800 मेगावाट बिजली बनेगी।

समय सीमा: पहले दो रिएक्टर (GHAVP-1 और 2) 2029 तक तैयार होंगे, जबकि बाकी दो (GHAVP-3 और 4) 2036 तक पूरे होंगे।

लागत: पहले चरण की लागत ₹20,594 करोड़ और दूसरे चरण की लागत ₹21,000 करोड़ आंकी गई है।

रोजगार:  परियोजना के निर्माण के दौरान करीब 8,000 नौकरियां मिलेंगी और संचालन के समय 2,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

स्थानीय विकास (CSR):  स्कूलों में नए भवन, स्वास्थ्य शिविर, गौशालाओं का सुधार और दिव्यांग लोगों को सहायता उपकरण देने जैसी पहल की जाएंगी। यह परियोजना भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ स्थानीय विकास में भी योगदान देगी।
Next Post Previous Post