काज़ीरंगा और जलदापाड़ा में बढ़ रही गैंडों की आबादी सामान्य ज्ञान प्रश्न
1. हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक-सींग वाले गैंडों की संख्या कितनी हुई है?
A) 229
B) 392 ✅
C) 500
D) 150
2. गैंडे की जनगणना कब की गई थी?
A) 10-11 फरवरी 2025
B) 5-6 मार्च 2025 ✅
C) 15-16 जनवरी 2025
D) 1-2 अप्रैल 2025
3. एक-सींग वाले गैंडे को और किस नाम से जाना जाता है?
A) अफ्रीकी गैंडा
B) जंगली भैंसा
C) भारतीय गैंडा ✅
D) एशियाई हाथी
4. भारतीय गैंडे की पहचान किससे होती है?
A) दो बड़े सींग
B) मोटी, आर्मर जैसी त्वचा और एक सींग ✅
C) सफेद रंग
D) छोटे कान और लंबी पूंछ5. IUCN की रेड लिस्ट में एक-सींग वाला गैंडा किस श्रेणी में आता है?
A) लुप्तप्राय (Endangered)
B) संकटग्रस्त (Vulnerable) ✅
C) विलुप्त (Extinct)
D) सुरक्षित (Safe)
6. भारत में एक-सींग वाले गैंडे मुख्य रूप से कहां पाए जाते हैं?
A) सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
B) गिर वन
C) काज़ीरंगा और जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान ✅
D) रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
7. काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 2022 की गणना के अनुसार गैंडे की संख्या कितनी थी?
A) 1,500
B) 2,613 ✅
C) 3,200
D) 4,000
8. गैंडों के संरक्षण के लिए कौन-सा प्रमुख कारण जिम्मेदार है?
A) सख्त सुरक्षा उपाय ✅
B) जंगल की कटाई
C) शिकार की बढ़ती घटनाएं
D) जलवायु परिवर्तन
9. गैंडे की जनगणना किन क्षेत्रों में की गई?
A) केवल असम
B) केवल काज़ीरंगा
C) जलदापाड़ा, गोरुमारा, चापरामारी और जलपाईगुड़ी रिजर्व ✅
D) केवल राजस्थान
10. भारत में एक-सींग वाले गैंडों के संरक्षण के लिए कौन-सा राष्ट्रीय उद्यान सबसे महत्वपूर्ण है?
A) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
B) काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान ✅
C) जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
D) पेरियार राष्ट्रीय उद्यान
11. गैंडे की किस खासियत के कारण उसे 'भारतीय गैंडा' कहा जाता है?
A) इसकी लंबी पूंछ
B) इसकी सफेद त्वचा
C) इसकी मोटी, आर्मर जैसी त्वचा और एक सींग ✅
D) इसके बड़े कान
19 मार्च 2025 को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एक-सींग वाले गैंडों की संख्या 229 से बढ़कर 392 हो गई है। यह वृद्धि हाल ही में हुई गैंडे की जनगणना में देखी गई। यह जनगणना 5 और 6 मार्च 2025 को की गई। इसे जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, चापरामारी वन्यजीव अभयारण्य और जलपाईगुड़ी रिजर्व वन के कुछ हिस्सों में किया गया।
भारतीय गैंडा: एक-सींग वाले गैंडे को "भारतीय गैंडा" भी कहा जाता है। यह दुनिया में गैंडों की पाँच प्रजातियों में से एक है। इसकी पहचान इसकी मोटी, कवच जैसी त्वचा और एक सींग से होती है।
संरक्षण और स्थिति: IUCN की रेड लिस्ट में यह "संकटग्रस्त" (Vulnerable) श्रेणी में आता है। इसके संरक्षण के लिए भारत में कई प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रजाति मुख्य रूप से असम और पश्चिम बंगाल के राष्ट्रीय उद्यानों में सुरक्षित है।
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जो असम में स्थित है, गैंडों की सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है। 2022 की गणना के अनुसार, यहाँ 2,613 गैंडे थे। सख्त सुरक्षा उपायों के कारण इनकी संख्या बढ़ रही है।
संरक्षण प्रयासों की सफलता से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी गैंडों की संख्या में वृद्धि होती रहेगी।