जय जय पितर महाराज मैं शरण पड़यों हू्ं थारी लिरिक्स Jay Jay Pitar Maharaj Bhajan Lyrics
जय जय पितर महाराज मैं शरण पड़यों हू्ं थारी लिरिक्स Jay Jay Pitar Maharaj Bhajan Lyrics जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हू्ं थारी, शरण पड़यों हूं …
જે ગમે જગત ગુરુ દેવ જગદીશને, તે તણો ખરખરો ફોક કરવો; આપણો ચિંતવ્યો અર્થ
सभी गुजराती भजन देखेंहत्थ फड़ के तू सिखाया जिन्नू तुरना : जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया।
सभी पंजाबी लोकगीत देखेबाय चाल्या छा भंवर जी पींपळी जी, हांजी ढोला हो गई घेर घुमेर,
सभी राजस्थानी फोक सोंग देखेंहे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा, मैं बूढ़े गेल्याँ (साथ) ब्याही,
सभी हरियाणवी फोक सोंग देखेढोलकीच्या तालावर घुंगरच्यां बोलावर, मी नाचते मीं डोलते
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