
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
मंत्रों का महत्त्व किसी से छुपा हुआ नहीं है। मंत्र दरअसल ईश्वर की स्तुति का माध्यम हैं जो छोटे होकर भी दिव्य प्रभाव वाले होते हैं। इसे यूँ समझिए की आज इंसान पर जो भी अध्ययन हुए हैं उनमें यह बात निकल कर सामने आयी है की यदि व्यक्ति प्रसन्न रहता है, मानसिक स्तर पर उसके शांति है तो उसके व्यक्तित्व में स्वतः ही परिवर्तन देखने को मिलेंगे। उसके कार्यों में स्थायित्व होगा और उसके द्वारा किये गए कार्यों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
मंत्र सदियों से चले आ रहे हैं और शास्त्रों में इनके गुणों को परिभाषित भी किया गया है इसीलिए सुबह हम हमारे आस पास मन्त्रों के उच्चारण को मंदिरों में सुनते हैं। इन्हे एक लयबद्ध तरीके से बोला जाता है, गाया जाता है। निश्चित छंद और मात्राओं का समूह भी वैज्ञानिक है। इनके साथ प्रयोग में लाये जाने वाले वाद्य यन्त्र भी वैज्ञानिक तौर पर महत्वपूर्ण हैं।
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
गायत्री मंत्र का वैज्ञानिक तर्क -Scientific logic of Gayatri Mantra
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Author - Saroj Jangir
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