कोण किसै नै घराँ बुलावै कोण किसे कै जावै रै भजन लिरिक्स
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रैहर दाणे पै मोहर लागरी, कोण दाणा पाणी ल्यावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै।
दाणा धरती म्ह पड़ ज्यासै, पड़ कै पेड़ बड़ा हो ज्यासै,
कित की धरती किट का दाणा कोण यो दाणा खावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै।
घर आये का मान निभाणा, करके सेवा मत इतराणा,
कर्ज़ा पिछले जन्म का तेरा, सुणले वो उतरावे
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै।
घर आवणीया रूप प्रभु का,तू भी सुकर मनाले उसका,
सच्चे मन की सेवा प्यारे, अपणा असर दिखावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै।
दुर्योधन की त्याग मिठाई, विदुराणी घर चले कन्हाई,
केलेया ऊपर मोहर लागरी, कह छिलके श्याम चबावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै।
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai
Har Daane Pai Mohar Laagaree, Kon Daana Paanee Lyaavai
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Daana Dharatee Mh Pad Jyaasai, Pad Kai Ped Bada Ho Jyaasai,
Kit Kee Dharatee Kit Ka Daana Kon Yo Daana Khaavai
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Ghar Aaye Ka Maan Nibhaana, Karake Seva Mat Itaraana,
Karza Pichhale Janm Ka Tera, Sunale Vo Utaraave
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Ghar Aavaneeya Roop Prabhu Ka,too Bhee Sukar Manaale Usaka,
Sachche Man Kee Seva Pyaare, Apana Asar Dikhaavai,
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Duryodhan Kee Tyaag Mithaee, Viduraanee Ghar Chale Kanhaee,
Keleya Oopar Mohar Laagaree, Kah Chhilake Shyaam Chabaavai,
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Har Daane Pai Mohar Laagaree, Kon Daana Paanee Lyaavai
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Daana Dharatee Mh Pad Jyaasai, Pad Kai Ped Bada Ho Jyaasai,
Kit Kee Dharatee Kit Ka Daana Kon Yo Daana Khaavai
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Ghar Aaye Ka Maan Nibhaana, Karake Seva Mat Itaraana,
Karza Pichhale Janm Ka Tera, Sunale Vo Utaraave
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Ghar Aavaneeya Roop Prabhu Ka,too Bhee Sukar Manaale Usaka,
Sachche Man Kee Seva Pyaare, Apana Asar Dikhaavai,
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
Duryodhan Kee Tyaag Mithaee, Viduraanee Ghar Chale Kanhaee,
Keleya Oopar Mohar Laagaree, Kah Chhilake Shyaam Chabaavai,
Kon Kisai Nai Gharaan Bulaavai, Kon Kise Kai Jaavai Rai.
चेतावनी भजन :
चेतावनी भजन का का मूल विषय व्यक्ति को उसके अवगुणों के बारे में सचेत
करना और सत्य की राह पर अग्रसर करना होता है। राजस्थानी चेतावनी भजनो का
मूल विषय यही है। गुरु की शरण में जाकर जीवन के उद्देश्य के प्रति व्यक्ति
को सचेत करना ही इनका भाव है। चेतावनी भजनों में कबीर के भजनो को क्षेत्रीय
भाषा में गया जाता है या इनका कुछ अंश काम में लिया जाता है।
देसी भजन :
देसी भजनों में देसज भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें छंद, गीत शैली
आदि का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता है और उद्देश्य होता है की सहज भाषा
में लोगों तक सन्देश पहुंच जाय। राग का भी कोई विशेष नियम नहीं होता है।
क्षेत्रीय स्तर पर प्रचलित वाद्य यंत्रों का प्रयोग इनमे किया जाता है।
जैसे राजस्थान में रावण हत्था एक वाद्य यन्त्र है इस पर सुन्दर तरीके से
भजनो को गाय जाता है। इसके साथ में अन्य वाद्य यंत्रों की अनिवार्यता नहीं
होती है। विशेष बात है लोगों तक सन्देश को पहुंचना। लोक गीत पुरे समाज का
प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके इनके माध्यम से पुरे समाज के बारे में जानकारी
प्राप्त होती हैं। देसी भजनों के तो देवताओं की स्तुति होती है और एक
चेतावनी भजन जिनमे गुरु भजन और व्यक्ति को सद्मार्ग के अनुसरण सबंधी भजन
होते हैं। राजस्थानी चेतावनी भजनों में कबीर भजनों का प्रमुख योगदान हैं
जिन्हे क्षेत्रीय भाषा में अनुवादित करके या फिर उनके कुछ अंश को कार्य में
लिया जाता है। चेतावनी भजन अलग अलग अंचल के भिन्न हैं। हेली भजन चेतावनी
भजनों का ही एक प्रकार है। कर्मा भाई के भजन अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं।
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