आसा सेख फरीद जीउ की बाणी Aasa Shekh Fareed Ki Baani

आसा सेख फरीद जीउ की बाणी Aasa Shekh Fareed Ki Baani

जिन्ह मनि होरु मुखि होरु सि कांढे कचिआ ॥१॥
रते इसक खुदाइ रंगि दीदार के ॥
विसरिआ जिन्ह नामु ते भुइ भारु थीए ॥१॥ रहाउ ॥
आपि लीए लड़ि लाइ दरि दरवेस से ॥
तिन धंनु जणेदी माउ आए सफलु से ॥२॥
परवदगार अपार अगम बेअंत तू ॥
जिना पछाता सचु चुमा पैर मूं ॥३॥
तेरी पनह खुदाइ तू बखसंदगी ॥
सेख फरीदै खैरु दीजै बंदगी ॥
 
आसा सेख फरीद जीउ की बाणी Aasa Shekh Fareed Ki Baani

आसा सेख फरीद जीउ की बाणी    ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
दिलहु मुहबति जिंन्ह सेई सचिआ ॥ जिन्ह मनि होरु मुखि होरु सि कांढे कचिआ ॥१॥ 
रते इसक खुदाइ रंगि दीदार के ॥ विसरिआ जिन्ह नामु ते भुइ भारु थीए ॥१॥ 
रहाउ ॥ आपि लीए लड़ि लाइ दरि दरवेस से ॥ तिन धंनु जणेदी माउ आए सफलु से ॥२॥ 
परवदगार अपार अगम बेअंत तू ॥ जिना पछाता सचु चुमा पैर मूं ॥३॥ 
तेरी पनह खुदाइ तू बखसंदगी ॥ सेख फरीदै खैरु दीजै बंदगी ॥४॥१॥
पद्अर्थ: जिन् मुहबति = जिन की मुहब्बत। सचिआ = सच्चे आशिक, सच्ची मुहबत करने वाले। सेई = वही लोग। जिन्मनि = जिन के मन में। मुखि = मुंह में। कांढे = कहे जाते हैं। कचिआ = कच्ची प्रीत वाले।1।

रते = रंगे हुए। इसक = प्यार, मुहबत। रंगि = रंग में। भुइ = जमीन पे। थीऐ = हो गए हैं।1। रहाउ। लड़ि = पल्ले से। दरि = (प्रभू के) दर से। से = वही लोग। जणेदी = पैदा करने वाली। धंनु = भाग्यों वाली। माउ = माँ।2। परवदगार = हे पालनहार! अगम = अपहुँच! तू = तुझे। सचु = सदा सिथर रहने वाले को। मूं = मैं।3। पनह = ओट, पनाह। खुदाइ = हे खुदा! हे प्रभू! बखसंदगी = बख्शने वाला। फरीदै = फरीद को।4।
 
हिंदी मीनिंग : इस पद में बाबा फरीद जी कहते हैं कि जो लोग ईश्वर के प्रेम में डूबे हुए हैं, वही सच्चे मनुष्य हैं। वे ईश्वर के दीदार में रते हुए हैं और उनका मन ईश्वर के नाम में लीन है। ऐसे लोग ही धरती पर सार्थक हैं।

जो लोग मन से ईश्वर से प्रेम करते हैं, वही सच्चे आशिक हैं। लेकिन जिनके मन में कुछ और है और मुंह से कुछ और कहते हैं, वे कच्चे आशिक हैं। जो लोग ईश्वर के दर पर दरवेश हैं, वही सच्चे साधक हैं। वे ईश्वर से इश्क की खैर मांगते हैं। ऐसे लोगों को ईश्वर ने स्वयं अपने लड़ लगाया है। उनकी माता भाग्यशाली है और उनका जन्म धन्य है। हे पालणहार! हे बेअंत! हे अपहुँच! तू सदा कायम रहने वाला है। ऐसे महान ईश्वर के चरणों को मैं चूमता हूँ। हे ईश्वर! मुझे तेरा ही आसरा है। तू बख्शने वाला है। मुझ शेख फरीद को अपनी बंदगी की ख़ैर डाल।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url