एक दिन वो भोला भंडारी लिरिक्स Ek Din Wo Bhola Bhandari Lyrics

एक दिन वो भोला भंडारी लिरिक्स Ek Din Wo Bhola Bhandari Lyrics Ek Din Wo Bhole Bhankari

 
एक दिन वो भोला भंडारी लिरिक्स Ek Din Wo Bhola Bhandari Lyrics

एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की नारी,
गोकुल में आ गये है
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गये है.

पारवती से बोले मैं भी चालु गा तेरे संग में,
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूगा तेरे संग में,
रास रचे गा ब्रिज में भारी हमें दिखो प्यारी,
गोकुल में आ गये है.

ओ मेरे भोले स्वामी कैसे ले जाओ तोहे साथ में,
मोहन के सिवा वहा कोई पुरस ना जाये रास में,
हँसी करे गी ब्रिज की नारी मान लो बात हमारी,
गोकुल में आ गये है.

ऐसा बनादो मुझे को कोई न जाने इस राज को,
मैं हु सहेली तेरी इसा बताना ब्रिज राज को,
बना के जुड़ा पेहन के साड़ी चाल चले मत वाली,
गोकुल में आ गये है.

भगवान श्री शिव ने सदा ही अपने भक्तों का साथ दिया है -

  1. निर्माण और विनाश: शिव को सृजन और विनाश की शक्ति माना जाता है, जिसे अक्सर उनके चित्रण में नृत्य के भगवान (नटराज) के रूप में चित्रित किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब शिव अपना नृत्य करते हैं, तो वे एक साथ पुराने ब्रह्मांड को नष्ट कर रहे होते हैं और एक नए ब्रह्मांड का निर्माण कर रहे होते हैं।
  2. दुनिया को बचाना: एक प्रसिद्ध कहानी में, शिव ने दुनिया को विनाश से बचाने के लिए समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) से निकले जहर को पी लिया था। विष पान ने उनका गला नीला कर दिया और उन्हें "नीलकंठ" (नीला-गला) नाम दिया।
  3. जीवन दान देना : शिव ने मार्कंडेय को जीवन दिया था जिसकी कम उम्र में मृत्यु हो गई थी। जब मृत्यु के देवता यम ने लड़के की जान लेने की कोशिश की, तो शिव प्रकट हुए और यम को हरा दिया, मार्कंडेय को पुनः जीवित कर दिया।
  4. गंगा को वश में करना: एक अन्य कहानी में, देवी गंगा को एक शक्तिशाली जलधारा में पृथ्वी पर भेजा गया था, जिससे भूमि में बाढ़ आने का खतरा था। शिव ने शांति से गंगा को अपने बालों में पकड़ लिया, नदी के बल को वश में कर लिया और उसे धीरे से पृथ्वी पर प्रवाहित होने दिया।
  5. बीमारों को ठीक करना: शारीरिक और मानसिक दोनों बीमारियों को भगवान शिव की भक्ति से दूर किया जा सकता है और अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है। भक्तों का मानना है कि उनकी कृपा चमत्कारिक रूप रोगों को ठीक कर देती है।
  6. वरदान देना: शिव को उनकी उदारता के लिए जाना जाता है और अक्सर भक्त उनसे आशीर्वाद और मदद मांगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह उन लोगों को वरदान और शुभकामनाएं देते हैं जो उनके पास ईमानदारी और भक्ति के साथ आते हैं।

क्यों कहते हैं शिव जी को भोले भंडारी ?

शिव जी को "भोले भंडारी" के नाम से भी पुकारते हैं , लेकिन क्यों ? कारन नाम से ही स्पष्ट है। शिव जी को भोले भंडारी के नाम से इसलिए जाना जाता है क्यों की वो अपने भक्तों पर बहुत दयालु हैं और जो उन्हें याद करते हैं, भले ही पूजा अर्चना ना ही करते हों, उन पर सदैव बाबा का हाथ होता है और वो उन्हें भी आशीर्वाद देते हैं। शिव जी की पूजा के लिए भी किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती हैं। बाबा को मात्रा बेल पत्र और पानी से भी प्रशन्न किया जा सकता है। बाबा के भोले स्वाभाव के कारन ही शिव जी को भोले भंडारी कहा जाता है।

यहाँ ये भी दिलचस्प है की एक और तो शिवजी को सम्पूर्ण श्रस्टि का विनाश करने की ताकत रखने वाला और भूत प्रेत के साथ रहने वाला और शमशान निवासी बताया गया है और वही दूसरी और भक्तों के लिए बाबा भोलेनाथ भी हैं ?

यह भी देखें You May Also Like

भोलेनाथ का शाब्दिक अर्थ है बच्चे की तरह से मासूमियत रखने वाला "भोला " . भक्तों के लिए बाबा के दिल में सदैव आशीर्वाद होता है और किसी तरह से अहंकार नहीं होता है। 

क्या है कहानी बाबा के "भोलेनाथ" बनने की ?
बाबा के भोलेनाथ बनने के पीछे एक कहानी है। एक समय की बात है एक असुर जिसका नाम भस्मासुर था उसने बाबा को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी। तपस्या भी ऐसी की उसने रात और दिन एक कर दिए। बाबा ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसके सामने आये और कहा की उसकी क्या मनोकामना है। इस पर भस्मासुर के बाबा से वरदान माँगा की उसे ऐसा वरदान दे की कोई भी उसे छूते ही भस्म हो जाए। बाबा ने दैत्य की इस मनोकामना को पूर्ण कर दिया। लेकिन असुर तो होते ही असुर हैं, भस्मासुर ने सोचा की क्यों ना शिव जी के वरदान की परीक्षा शिव जी से ही ली जाए और शिव जी के समाप्त होते ही उससे श्रेष्ठ इस संसार में कोई नहीं होगा।
 

एक दिन वो भोला भंडारी लिरिक्स Ek Din Wo Bhola Bhandari Lyrics


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+