कृष्ण आरती लिरिक्स Krishna Aarti Lyrics

कृष्ण आरती लिरिक्स Krishna Aarti Lyrics 


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ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे.
भक्तन के दुख टारे पल में दूर करे. जय जय श्री कृष्ण हरे....
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी.
जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी.जय जय श्री कृष्ण हरे....
कर कंचन कटि कंचन श्रुति कुंड़ल माला
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला.जय जय श्री कृष्ण हरे....
दीन सुदामा तारे, दरिद्र दुख टारे.
जग के फ़ंद छुड़ाए, भव सागर तारे.जय जय श्री कृष्ण हरे....
हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रुप धरे.
पाहन से प्रभु प्रगटे जन के बीच पड़े. जय जय श्री कृष्ण हरे....
केशी कंस विदारे नर कूबेर तारे.
दामोदर छवि सुन्दर भगतन रखवारे. जय जय श्री कृष्ण हरे....
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे.
फ़न फ़न चढ़त ही नागन, नागन मन मोहे. जय जय श्री कृष्ण हरे....
राज्य विभिषण थापे सीता शोक हरे.
द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे. जय जय श्री कृष्ण हरे....
ॐ जय श्री कृष्ण हरे.


आरती का महत्त्व : पूजा पाठ और भक्ति भाव में आरती का विशिष्ठ महत्त्व है। स्कन्द पुराण में आरती का महत्त्व वर्णित है। आरती में अग्नि का स्थान महत्त्व रखता है। अग्नि समस्त नकारात्मक शक्तियों का अंत करती है। अराध्य के समक्ष विशेष वस्तुओं को रखा जाता है। अग्नि का दीपक घी या तेल का हो सकता है जो पूजा के विधान पर निर्भर करता है। वातावरण को सुद्ध करने के लिए सुगन्धित प्रदार्थों का भी उपयोग किया जाता है। कर्पूर का प्रयोग भी जातक के दोष समाप्त होते हैं। 
 
कृष्ण हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। वे एक लोकप्रिय देवता हैं, और उनकी कहानियां और भजन भारत और दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता वासुदेव और माता देवकी थे। कृष्ण के जन्म के बाद, उनके मामा कंस ने उन्हें मारने की कोशिश की, लेकिन वासुदेव ने उन्हें गोकुल में सुरक्षित स्थान पर ले जाया।

गोकुल में, कृष्ण ने एक चरवाहे के रूप में अपना बचपन बिताया। वे एक शरारती और हंसमुख बच्चे थे, और उनकी कई कहानियां और भजन आज भी सुनाई जाती हैं। कृष्ण ने बाद में मथुरा में लौटकर कंस को मार डाला। उन्होंने यादवों को राजा बनाया, और उन्होंने मथुरा पर शासन किया।

कृष्ण एक महान योद्धा और नेता थे। उन्होंने कई युद्ध लड़े और कई राक्षसों को मार डाला। उन्होंने अपने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित की। कृष्ण एक दयालु और करुणामय व्यक्ति भी थे। उन्होंने अपने भक्तों की हमेशा मदद की। उनकी कहानियों में, वे अक्सर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

कृष्ण को प्रेम और रोमांस का देवता भी माना जाता है। उनकी प्रेम कहानी राधा के साथ बहुत प्रसिद्ध है। कृष्ण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे अपने भक्तों के लिए एक आदर्श हैं। वे प्रेम, करुणा, और शक्ति के प्रतीक हैं।

कृष्ण की पूजा भारत के कई हिस्सों में की जाती है। विशेष रूप से, उत्तर भारत में कृष्ण की पूजा बहुत लोकप्रिय है। कृष्ण की पूजा करने के कई तरीके हैं। एक तरीका है कि लोग घर पर एक कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें और उनकी पूजा करें। एक अन्य तरीका यह है कि लोग मंदिर में जाएं और कृष्ण की पूजा करें।

कृष्ण की पूजा करने के लिए, लोग आमतौर पर नीले रंग के फूल, अनाज, और मिठाई का प्रसाद चढ़ाते हैं। वे कृष्ण की आरती भी गाते हैं। कृष्ण की पूजा से लोगों को प्रेम, करुणा, और शक्ति प्राप्त करने में विश्वास है। यह भी माना जाता है कि कृष्ण लोगों को बुराई से बचाते हैं और उन्हें सुख-शांति और समृद्धि देते हैं।


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