हरि तुम हरो जन की भीर लिरिक्स Hari Tum Haro Jan Ki Bheer Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Bhajan Lyrics Hindi
हरि तुम हरो जन की भीर।द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढायो चीर॥
भक्त कारण रूप नरहरि, धरयो आप शरीर।
हिरणकश्यपु मार दीन्हों, धरयो नाहिंन धीर॥
बूडते गजराज राखे, कियो बाहर नीर।
दासि 'मीरा लाल गिरिधर, दु:ख जहाँ तहँ पीर॥
हरि थें हर्या जण री भीर।।टेक।।
द्रोपता री लाल राख्याँ थें बढायाँ चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्यां आप सरीर।
बूड़ताँ गजराज, राख्याँ, कट्याँ कुंजर भीर।
दासि मीरां लाल गिरधर, हराँ म्हारी भीर।।
(जन=भक्त, भीर=संकट, नरहरि=नृसिंह, बूड़तां=डूबता हुआ, राख्यां=रक्षा की, कुञ्जर=हाथी)