आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकरा है लिरिक्स Aaj Himalay Ki Choti Lyrics

कवि प्रदीप भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले एक कवि और गीतकार थे। उन्होंने "आज हिमालय की चोटी से" गीत लिखा, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रसिद्ध गीत बन गया। वह सिनेमा का उपयोग भारतीय राष्ट्रवाद का प्रचार करने और अंग्रेजों को भारत छोड़ने की चुनौती देने वाले पहले व्यक्ति थे। ब्रिटिश सरकार ने सोचा था कि यह गीत जापानी और जर्मन के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध लड़ने के लिए अच्छा प्रचार होगा, लेकिन यह गीत पूरे देश में स्वतंत्रता के लिए राजनीतिक रैलियों में गाया जाने लगा। इस गीत ने कवि प्रदीप को एक गुमनाम असंतुष्ट से एक क्रांतिकारी कवि बना दिया। ब्रिटिश सरकार ने इस गीत को देशद्रोही माना और कवि प्रदीप और गीत के संगीतकार अनिल बिस्वास के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए।

आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकरा है लिरिक्स Aaj Himalay Ki Choti Lyrics

कवि प्रदीप के "आज हिमालय की चोटी से" गीत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस गीत ने भारत के लोगों को एकजुट किया और उन्हें स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। यह गीत आज भी भारत में बहुत लोकप्रिय है और इसे अक्सर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसरों पर गाया जाता है।।

आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकरा है लिरिक्स Aaj Himalay Ki Choti Lyrics, Deshbhakti Song/ Aaj Himalay Ki Choti Se Fir Hamne Lalkara hai

आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
दूर हटो दूर हटो
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है

जहाँ हमारा ताज महल है और
क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारा ताज महल है और
क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है
जहाँ हमारा ताज महल है और
क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है

इस धरती पर क़दम बढ़ाना
अत्याचार तुम्हारा है
अत्याचार तुम्हारा है
दूर हटो दूर हटो
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
दूर हटो दूर हटो
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा

शुरू हुआ है जंग तुम्हारा
जाग उठो हिन्दुस्तानी
तुम न किसी के आगे झुकना
जर्मन हो या जापानी
शुरू हुआ है जंग तुम्हारा
जाग उठो हिन्दुस्तानी
तुम न किसी के आगे झुकना
जर्मन हो या जापानी
आज सभी के लिए हमारा
यही क़ौमी नैरा है
आज सभी के लिए हमारा
यही क़ौमी नैरा है
दूर हटो दूर हटो
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है

जहाँ हमारा ताज महल है और
क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारा ताज महल है और
क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है
जहाँ हमारा ताज महल है
और क़ुतब मीनार है
जहाँ हमारे मंदिर मस्जिद
सिखों का गुरुद्वारा है

इस धरती पर क़दम बढ़ाना
अत्याचार तुम्हारा है
अत्याचार तुम्हारा है
दूर हटो दूर हटो
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
दूर हटो ऐ दुनिया वालों
हिंदुस्तान हमारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
आज हिमालय की चोटी से
फिर हम ने ललकारा है
दूर हटो दूर
हटो दूर हटो दूर हटो.

 
Aaj Himilay Ki Choti Se
Performer: Mumtaz Shanti
Singer: Amirbai Karnataki
Music: Anil Biswas
Lyrics: Kavi Pradeep
Film: Kismet, 1943
Cast: Ashok Kumar. Mumtaz Shanti, Shah Nawaz, Chandrapradha, Kanu Roy, V.H. Desai
The raw video is from a tape supplied by Muz, from a broadcast by Britain's Channel 4. Thanks.
Tags Mumtaz Shanti, Ameerbai Karnataki, Kismet, Kismat, 1943, Amirbai Karnataki
आज हिमालय की चोटी से,
फिर हमने ललकरा है,
दूर हटो ऐ दुनिया वालों,
हिन्दुस्तान हमारा है।



Kismet - Aaj Himilay Ki Choti Se

 
"आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है" गीत प्रदीप द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध देशभक्ति गीत है। यह गीत भारत की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारतीयों के संघर्ष को दर्शाता है। गीत की शुरुआत में, गायक भारत की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत का वर्णन करता है।

Song title: दूर हटो ऐ दुनिया वालों (Hindu), دُور ہٹ اے دنیا والوں 
Singer: Amirbai Karnatak (अमीरबाई कर्नाटकी), Khan Mastana (खान मस्ताना)
Lyrics by Kavi Pradeep (कवि प्रदीप)
Cpmposed by Anil Biswas (अनिल बिस्वास)
 
Lyrics in Urdu
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للک
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
اس دھرتی پر قدم بڑھانا
اَتّیاچار تمہارا ہے!
اَتّیاچار تمہارا ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
شروع ہوا ہے جنگ تمہارا!
جاگ اٹھو ہندوستانی!
تم نہ کسی کے آگے جھُکنا!
جرمن ہو یا جاپانی!
شروع ہوا ہے جنگ تمہارا!
جاگ اٹھو ہندوستانی!
تم نہ کسی کے آگے جھُکنا!
جرمن ہو یا جاپانی!
آج سبھی کے لئے ہمارا
یہی قومی نعرہ ہے!
آج سبھی کے لئے ہمارا
یہی قومی نعرہ ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
جہاں ہمارا تاج محل ہے
اور قطب مینار ہے
جہاں ہمارے مندر مسجد
سکھوں کا گردوارہ ہے
اس دھرتی پر قدم بڑھانا
اَتّیاچار تمہارا ہے!
اَتّیاچار تمہارا ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
دُور ہٹو! اے دنیا والوں
ہندوستان ہمارا ہے
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
آج ہمالیہ کی چوٹی سے
پھر ہم نے للکارا ہے!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
دُور ہٹو! دُور ہٹو!
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