अधिक सनेही माछरी दूजा अलप सनेह कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Adhik Sanehi Machari Dooja Alap Saneh Lyrics Hindi Kabir Ke Dohe in Hindi Meaning
अधिक सनेही माछरी, दूजा अलप सनेह।
जबहीं जलते बिछुरे, तबही त्यागे देह।।
जबहीं जलते बिछुरे, तबही त्यागे देह।।
Adhik Sanehee Maachharee, Dooja Alap Saneh.
Jabaheen Jalate Bichhure, Tabahee Tyaage Deh.
Word Meaning of "Adhik Sanehi Machri" दोहे के शब्दार्थ
अधिक सनेही -उच्चतम स्नेह होना/प्रीत का होना.माछरी-मछली.
दूजा अलप सनेह-इसके अतिरिक्त अन्य स्नेह अल्प होता है, कम होता है.
जबहीं जलते बिछुरे-जब मछली जल से अलग होती है/जल को त्याग देती है.
तबही त्यागे देह-तब मछली अपने प्राणों को छोड़ देती है.
अधिक सनेही माछरी हिंदी मीनिंग Adhik Sanehi Machhari Hindi Meaning
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग : -कबीर साहेब ने इस दोहे में मछली के उदाहरण के माध्यम से समझाया है की सबसे अधिक लगाव और प्रीत मछली की पानी से होती है। पानी से अलग होने पर वह अपना प्राण त्याग देती है। इसका भाव है की यदि मछली के समान किसी से भी स्नेह किया जाय / लगाव किया जाय तो वह फलदायी है। भक्ति मार्ग के विषय में भी कबीर साहेब का कथन है की `कबीर' यह घर पेम का, खाला का घर नाहिं। सीस उतारे हाथि धरि, सो पैसे घर माहिं' भाव है की यदि हम मछली के भाँती इश्वर से लगाव करें / धान लगाए तो हमें इश्वर की प्राप्ति संभव है। मछली का जीवन ही पानी है। वह पानी के बगैर एक पल के लिए भी जीवित नहीं रह सकती है। ऐसी ही प्रीत (जैसी मछली की पानी के प्रति होती है ) भक्ति में भी आवश्यक है।भाव है की दिखावटी और बनावटी भक्ति से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। हम छद्म विद्या से स्वंय के मन को भ्रमित कर अहम् को क्षणिक रूप से शांत कर सकते हैं की हम भक्ति कर रहे हैं, ईश्वर में ध्यान लगा रहे हैं। लेकिन कुछ ही समय बाद मन तो चारों और उन्मुक्त होकर माया के चक्कर में फिर से फँस कर रह जाता है। यह भक्ति नहीं है।
तो भक्ति क्या है ? भक्ति कोई बाह्य प्रदर्शन, मौखिक चतुराई नहीं होती है। यह तो ऐसे है जैसे मछली और पानी। जिनके मध्य भेद करना मुश्किल है। साहेब ने भक्ति के विषय में बार बार एक ही विषय पर जोर दिया है की यह आंतरिक है, बाह्य नहीं है। अब जब ईश्वर हृदय में बैठा ही है तो दिखाई क्यों नहीं देता है ? कारण है अंदर तो माया का घोर अँधेरा फैला हुआ है। माया के इस अँधेरे को हम सत्य के मार्ग पर चलकर दूर कर सकते हैं।अंदर सब कुछ स्पष्ट दिखाई देने लगेगा जैसे कोई आइना।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- तु तु करु तो निकट हैं हिंदी मीनिंग Tu Tu Karu To Nikat Hai Meaning
- हरि रस पीया जाँणियेजे कबहूँ न जाइ खुमार मीनिंग Hari Ras Piya Janiye Meaning
- कबीर ऐसा यहु संसार है जैसा सैंबल फूल हिंदी मीनिंग Kabir Aisa Yahu Sansar Meaning
- हम घर जाल्या आपणाँ लिया मुराड़ा हाथि मीनिंग Hum Ghar Jaliya Aapna Meaning
- कबीर यहु जग अंधला जैसी अंधी गाइ हिंदी मीनिंग Kabir yahu Jag Andhla Meaning
- नैनाँ अंतरि आव तूँ ज्यूँ हौं नैन झँपेऊँ मीनिंग Naina Antari Aav Tu Meaning