गायत्री मंत्र हिंदी मीनिंग महत्त्व और फायदे

गायत्री मंत्र हिंदी मीनिंग Gayatri Mantra Hindi Meaning

गायत्री मंत्र हिंदी मीनिंग महत्त्व और फायदे Gayatri Mantra Hindi Meaning Fayde

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
गायत्री मंत्र शब्दार्थ
ॐ = प्रणव, परम ब्रह्म (सर्व संसार में व्याप्त परम सत्य )
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला ( प्रथ्वी )
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला (सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड )
तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल ( अस्तित्व-समस्त ब्रह्माण्ड का अस्तित्व)
वरेण्यं = सबसे उत्तम ( वरण करने योग्य है, जो सबसे श्रेष्ठ है )
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु (परम सत्य )
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, (हमारी बुद्धि प्रचंड हो )
प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)


मैं ईश्वर की स्तुति कर ध्यान लगाता हूँ जिसने हम सभी का ( ब्रह्माण्ड )निर्माण किया है। आप कृपा करें और हमें प्रकाश /ज्ञान की और लेकर जाएँ। हे ईश्वर, आप मेरे जीवन के दाता हैं, आप मेरे जीवन में सत्य का प्रकाश करें और आप हमें बुद्धि प्रदान करें।

गायत्री मंत्र हिंदी मीनिंग Gayatri Mantra Hindi Meaning गायत्री मन्त्र के फायदे हिंदी

गायत्री मंत्र क्या हैं : गायत्री मन्त्र वेदों से लिया गया एक बहुत ही चमत्कारिक मंत्र है। हजारों वर्ष पुराना वैदिक मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के ६२ वे सूक्त में १० श्लोक है जिसकी रचना त्रेता युग में ऋषि विश्वामित्र ने की थी। इस मन्त्र का मूल भाव ही की ईश्वर हमें प्रकाश दिखाएं और सत्य की राह की और ले जाए। ऋग्वेद का यह सबसे प्रभावशाली मन्त्र माना जाता है। इस मंत्र में 'ॐ भूर्भुवः स्वः' यजुर्वेद से और ऋग्वेद के छंद से मिलकर बना है। यह मंत्र मूल रूप से सवितृ देव की उपासना का शक्तिशाली मंत्र है। सवितृ देव का वर्णन ऋग्वेद से प्राप्त होता है। गायत्री मंत्र का सम्बन्ध सवितृ से ही माना जाता है। सविता शब्द की निष्पत्ति 'सु' धातु से हुई है जिसका अर्थ है - सृजन करना, गति देना तथा प्रेरणा देना। ऐसा नहीं है की गायत्री माता से ही 'गायत्री मन्त्र' का सबंध है। गायत्री मंत्र एक वैज्ञानिक छंद है जो की परम सत्ता से अनुरोध है की आप मुझे इतनी शक्ति दीजिये ताकि हम सत्य की राह पर चल सके।

गायत्री मंत्र का महत्त्व

गायत्री मंत्र एक ऐसा मन्त्र है जिससे हमें बुद्धि, ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह बुद्धि को सशक्त बनाता है और आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मन्त्र है। इसकी लयबद्धता भी पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है तथा इस मन्त्र की ध्वनि तरंगे हमारे जीवन में सकारात्मकता का संचार करती हैं। मन में स्थिरता आने पर शरीर भी स्वतः ही स्वस्थ हो जाता है। मस्तिष्क के स्वस्थ होने पर शरीर तो स्वस्थ होगा ही साथ ही हमारे द्वारा लिए गए निर्णय भी स्वस्थ ही होंगे और जीवन के सभी आयामों में सफलता प्राप्त होगी। आपका जीवन दूसरों के लिए भी उपयोगी हो जाएगा, सही मायनों में जीवन तभी सफल है जब वह समाज के लिए भी उपयोगी हों। विद्या अर्जन हो या फिर जीवन का कोई भी क्षेत्र हो गायत्री मन्त्र सभी के लिए उपयोगी होता है। एम्स में हुए एक परीक्षण में यह निष्कर्ष निकाला है की प्रति दिन सुबह शाम कुछ समय तक गायत्री मंत्र का जाप करने से बौद्धिक क्षमता का अनंत विस्तार किया जा सकता है। स्मरण शक्ति, जटिल परिस्थियों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास इस दिव्य मन्त्र के माध्यम से किया जा सकता है। इस परीक्षण में एमआरआई (Magnetic Resonance Imaging) का उपयोग करके यह निष्कर्ष निकाला गया की गायत्री मन्त्र के जाप से मस्तिष्क का विकास होता है और यदि नियम से प्रतिदिन इसका जाप किया जाय तो यह मस्तिष्क को ज्ञात सीमाओं से भी परे ले जाने में सक्षम है।

गायत्री मंत्र (वेद ग्रंथ की माता) को हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है. इस ममंत्र के माध्यम से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का मतलब है - हे ईश्वर हमें प्रकाश प्रदान कीजिये और सत्य / बुद्धि प्राप्त करने का रास्ता दिखाएं।


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