आरुषि नाम का अर्थ, मतलब, राशि

आरुषि नाम का अर्थ, मतलब, राशि Aarushi Meaning Hindi Aarushi Naam Ka Hindi Arth

आरुषि नाम का अर्थ, मतलब, राशि Aarushi Meaning Hindi Aarushi Naam Ka Hindi Arth
 
आरुषि  नाम का हिंदी अर्थ होता है सूरज की पहली किरण, भोर ,सुबह का लाल आकाश, ज्वाला, उज्जवल और उषा आदि।  इसके अलावा आरुषि भृगु ऋषि की पत्नी का  नाम भी था आरुषि ही था।  सूर्य, ज्वाला, उज्ज्वल, सूरज की पहली किरण को भी आरुषि कहा जाता है।  आरुषि या अरुषी संस्कृत भाषा का शब्द है जो स्त्रीलिंग संज्ञा है। इस शब्द का अर्थ उषा, ज्वाला, भृगु ऋषि की पत्नी होता है। आरुषि नाम का मतलब होता है सूरज की पहली किरण, भोर ,सुबह का लाल आकाश, ज्वाला, उज्जवल और उषा आदि। आरुषि नाम लड़कियों  (स्त्री) का होता है, मतलब की यह नाम लड़कियों का रखा जाता है। आरुषि के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है। मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह 'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है। 

मेष जातकों का शुभ अंक : 9
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा

आरुषि नाम की मित्र राशि मिथुन और सिंह होती है। आरुषि मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण आरुषि नाम के व्यक्ति आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। आरुषि के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। आरुषि नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं। 
 
मेष राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर आरुषि नाम के व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
आरुषि नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। आरुषि नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं। 
 
भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है। 

साधारण रूप से मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है। जैसा की ऊपर बताया गया है मेष राशि की व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और किसी भी कार्य को करने की शक्ति रखते हैं और अन्य से अधिक सक्रीय रूप से कार्य करते हैं ऐसे में उनका शरीर अधिक कार्य करने के कारण निढाल बन सकता है। शरीर के रोगों से लड़ने के शक्ति बेहतर होती है। उल्लेखनीय है की मेष राशि के व्यक्तियों को सरदर्द और पाचन की बीमारिया प्रायः अधिक होती हैं, इसलिए उन्हें अपने पाचन को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली का पालन करना चाहिए। अपने शरीर को विश्राम देना भी मेष राशि के लिए अधिक महत्त्व रखता है। आरुषि के नाम का शुभ अंक (Supportive Numbers) ०९ होता है।
+

एक टिप्पणी भेजें