विच हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Vich/Vichh-ਵਿਚ Hindi Meaning Punjabi Dictionary

विच हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Vich/Vichh-ਵਿਚ Hindi Meaning Punjabi Dictionary

पंजाबी भाषा के शब्द "विच" या "विच्च" का अर्थ अंदर, के बीच में होता है। पंजाबी शब्द विच को अंग्रेजी के शब्द between, in between से समझा जा सकता है. अतः विच के अर्थ निम्न प्रकार से होते हैं। जब कोई वस्तु आदि किसी के दरमियान होती है बीच में होती है तो उसे विच कहते हैं। यथा- ऐस किताब नूं कॉपियां दे विच पाओ। इस किताब को कॉपियों के मध्य (दो के बीच) रखो। "के अंदर" के भाव में भी विच का उपयोग होता है। यथा मैं पटियाला विच रहन्दा हाँ। मैं पटियाला में रहता हूँ। (पटियाला के अंदर, रहता हूँ )
देखें पंजाबी में विच (ਵਿਚ)
ਬਿਚ ਅਤੇ ਵਿਚਿ.
ਕ੍ਰਿ0 ਵਿ- ਭੀਤਰ, ਅੰਦਰ, ਗੱਭੇ, ਮਧਯ ਮੇਂ. 
अतः स्पष्ट है की पंजाबी के शब्द (ਵਿਚ) विच, विच्च (Vich, Wich, Vichh ) का अर्थ निम्न प्रकार से होता है -
के अंदर : मैं थ्वाडी गला विच नहीं हेगा।
मैं तुम्हारी बातों में नहीं हूँ।
के मध्य : तुस्सी दस्सो केडी गल्ला विच मेन्नु लाइ जांदे हो ?
तुम बताओ की तुम मुझे किस बातों के मध्य में ला रहे हो। 
पंजाबी भाषा में विच के उदाहरण
ਇਂਦਰਿਆਂ ਨੂਂ ਵਸ ਵਿਚ ਕਰ /इंदरिआं नूं वस विच कर
ਆਗਿਆ ਵਿਚ ਰਹਿ आगिआ विच रहि/आज्ञा में रह
ਆਪਸ ਵਿਚ (आपस विच) आपस में/परस्पर
ਆਪੋ ਵਿਚ / आपो विच (आपस)
हर जर्रे विच तेरी सूरत हर जर्रे विच तेरा नां 
यहाँ व्याप्त होने के भाव में विच का उपयोग हुआ है की संसार के कण कण में आप (ईश्वर ही ) व्याप्त हैं। 
ਇਕ ਸੁਰ ਵਿਚ    
इक सुर विच    
एक सुर में 
 

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  • Vich (विच)ਵਿਚ / : between (at, into, or across the space separating (two objects or regions).
  • Vich (विच) ਵਿਚ /in : expressing the situation of something that is or appears to be enclosed or surrounded by something else.
  • Vich (विच)ਵਿਚ / in between : situated somewhere between two extremes or recognized categories; intermediate.

विच के उदाहरण Vich/Vichh-ਵਿਚ Punjabi Word Examples in Hindi

विच पंजाबी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। 
कल कल दी दलदल विच फसेया,
जीव कदी न पावे कल,
भजन बाबा किसने देखा है कल,
की जाने कोई रब्ब दी लीला,
करता लावे घड़ी न पल॥
 
बुल्ल्हिआ, की जाणां मैं कौन?
बुल्ल्हिआ, की जाणां मैं कौन?
ना मैं मोमिन विच्च मसीतां,
ना मैं विच्च कुफ़र दियां रीतां,
ना मैं पाक आं विच पलीतां,
ना मैं मूसा ना फिरऔन|
ना मैं विच्च पलीती पाकी,
ना विच शादी, ना ग़मना की,
ना मैं आबी ना मैं ख़ाकी,
ना मैं आतिश ना मैं पौन|
 
भय विच पवन वहे सदवाओ,
भय विच चलै लख दरयाओ,
भय विच अगन कडे बिगार,
भय विच धरती दबी भार,
भय विच इन्द फिरै सिर भार, 

ज़ारी विच रहें हमेशा,
तोड़े मिले दिलासा,
एह जग बाजीगर दी बाजी,
रखे ना भरवासा,
दाढे नाल शराकत के ही,
खिन तोला खिन मांसा।

कन्ना दे विच : कानों में।
चंगे चाहे माड़े तू हलात विच रखीं मैंनू : कैसे भी हालात हों, अच्छे या बुरे तुम मुझे मध्य में रखना।
सत्गुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़ती जाऊंगी : गुरुदेव मैं आपकी पतंग हूँ और हवा "में" उड़ती जाउंगी।
भया आनंद जगत विच, कल तारन गुरुनानक आया : जगत "में" आनंद छा गया है, गुरुनानक देव जी का प्राकट्य हुआ है।
आजा मेरी गड्डी विच बह जा : आ जाओ मेरी गाडी में बैठ जाओ।
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