आरती दीन दयाल गुरु की सन्तन के प्रतिपाल गुरु

आरती दीन दयाल गुरु की सन्तन के प्रतिपाल गुरु


आरती दीनदयाल गुरु की,
संतों के प्रतिपाल गुरु की।

गुरु ही ब्रह्मा, शम्भु, मुरारी
पार ब्रह्म, गुरु भव-भयहारी
है सबके सच्चे हितकारी
परमेश्वर, गुरु मूर्ति-धारी
शोभा बनी विशाल, गुरु की
आरती दीनदयाल गुरु की,
संतों के प्रतिपाल गुरु की।

करुणा-सिन्धु अपार, गुरु है
सच्चे-खेवन, हर गुरु है
आर-पार, पटवार, गुरु है
सदा मुक्ति के द्वार, गुरु है
आज्ञा कभी न टाल, गुरु की
आरती दीनदयाल गुरु की,
संतों के प्रतिपाल गुरु की।

जिसका नाम सुन्नत, तम नाशे
पूर्ण ब्रह्म एक, प्रकाशे
जितना भ्रम बुद्धि में भासे
मिट जाए सब, गुरु कृपा से
सेवा कर तत्काल, गुरु की
आरती दीनदयाल गुरु की,
संतों के प्रतिपाल गुरु की।

भूलन ज्ञान, गंग में नहाओ
तन-मन सबको, शुद्ध बनाओ
सतगुरु चरण पर, बलि जाओ
प्रेम से मिलके, आरती गाओ
सब झुका के भाल, गुरु की
आरती दीनदयाल गुरु की,
संतों के प्रतिपाल गुरु की।


Guru Purnima 2024 Special | Guru Aarti | Bhulan Tyagi | गुरु पूर्णिमा Special 2024 | गुरु आरती

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सतगुरु की आरती दीन-दयाल और संतों के पालक के रूप में उनकी महिमा गाती है। गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु, शिव और पारब्रह्म हैं, जो भव-भय को हरने वाले और सभी के सच्चे हितकारी हैं। वे परमेश्वर की मूर्ति हैं, जिनकी शोभा अपार है। गुरु करुणा के सागर हैं, सच्चे खेवनहार, जो भवसागर की पटवार थामकर मुक्ति के द्वार खोलते हैं। उनकी आज्ञा कभी टाली नहीं जाती। उनका नाम सुनते ही अंधेरा मिटता है, पूर्ण ब्रह्म का प्रकाश फैलता है, और बुद्धि के सारे भ्रम गुरु की कृपा से नष्ट हो जाते हैं। 
 
उनकी सेवा तुरंत करनी चाहिए। गुरु के ज्ञान की गंगा में नहाकर तन-मन शुद्ध किया जाता है, उनके चरणों में बलि जाया जाता है, और प्रेम से उनकी आरती गाई जाती है। सभी उनके सामने सिर झुकाते हैं। यह भजन सतगुरु की दिव्यता, उनकी कृपा से अज्ञान के नाश, और उनके प्रति समर्पण व सेवा की भावना को व्यक्त करता है।
 
Song : गुरु आरती | Guru Aarti
Singer & Lyrics : Bhulan Tyagi
Music : Rajesh Bhalla
Poster : Jiya Creations ( 92050561068 )
Video By : Jiya Creations
Category : Guruji Bhajan
Label : Jiya HMS Music
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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