वे तू अंदरो प्रबु नु टोल भजन

वे तू अंदरो प्रबु नु टोल भजन


वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।
ना हो तू डांवाँ-डोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।

आ जा आके देख ले,
जिनके,
कैसे अम्बर में उड़ते परिंदे हैं।
तू भी अपने पर को खोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।

मन अंदर तेरा सतगुरु वसता है,
देता जवाब तेरी हर एक बात का।
तू भी मन के पट खोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।

जग में तेरी कोई हस्ती नहीं,
ढोल जैसे तूफान में कश्ती।
तू भी अपनी मंजिल को टोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।

गुरु की कृपा बिना जाल नहीं कटता,
आँखों से पर्दा भी नहीं हटता।
तू भी सतगुरु, सतगुरु बोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।

नाम गुरु का ऐसा न्यारा,
खोल के बंधन दे सहारा।
जपले नाम तू यह अनमोल,
गुरु के दर पर आके।
वे तू अंदरो प्रभु को टोल,
आँखें बंद कर के।


| Bawa Lal Dyal Ji...Guraan De Dar Aa Ke | Ritika Bhatia | Renu Bhatia | Jeetu Gaba |

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post