सुलझाओ मेरी उलझन मैं भटका भटका

सुलझाओ मेरी उलझन मैं भटका भटका फिरता हूं


सुलझाओ मेरी उलझन, मैं भटका-भटका फिरता हूँ,
संभालो ना मुझे आकर, सँभलकर क्यों मैं गिरता हूँ।
मिला है दर तेरा जब से, तुझे बस याद करता हूँ —
सुलझाओ मेरी उलझन...

तेरी ही आस बची मोहन, संभालो ना मुझे आकर,
मेरे मन में छवि तेरी है, तेरी ही धुन बसी मोहन।
हर लो मेरे ये आँसू, तुझे फरियाद करता हूँ —
सुलझाओ मेरी उलझन...

मैं पापी हूँ, मेरे कान्हा, मेरे तू पाप हर लेना,
करूँ सेवा सदा तेरी, यही वरदान मुझे देना।
रख लेना चरणों में मुझको, अकेले में मैं डरता हूँ —
सुलझाओ मेरी उलझन...

तू ही जाने हाल मेरा, छुपा क्या तुझसे बनवारी,
थामा तूने हाथ मेरा, शिवो गई तुझसे ही हारी।
बुला लो अब वृंदावन में, यहाँ पल-पल मैं मरता हूँ —
सुलझाओ मेरी उलझन...


सुलझाओ मेरी उलझन Suljhao Meri Uljhan | Inder Kamboz | inderkamboz_official Bhagti Song |श्याम भजन

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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