रात शेरावाली माँ कमाल कर गई भजन

रात शेरावाली माँ कमाल कर गई भजन

(मुखड़ा)
रात शेरावाली माँ,
कमाल कर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।

(अंतरा)
कर सोलह श्रृंगार, माँ आई,
खुशियाँ ही खुशियाँ है लाई,
दिल के मेरे, मैया जी,
मलाल हर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।

जलवा माँ का, अजब निराला,
लेकर आई, सिंह विशाल,
चौखट मेरी, मैया जी,
निहाल कर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।

भैरव संग, लंगूर मतवाला,
चौसठ जोगनी, जपती माला,
जागरण में, मैया जी,
धमाल कर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।

माँ के प्यार की, हुई मैं दीवानी,
'सुरेंद्र सिंह' कर कहें जुबानी,
दुनिया को, मैया जी,
मिसाल कर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।

(पुनरावृत्ति)
रात शेरावाली माँ,
कमाल कर गई,
मेरे घर आई,
मालामाल कर गई।।


नवरात्री स्पेशल || मेरी शेरावाली मैया ने कमाल कर दिया || Meri sherowali maiya ne kamaal kar diya भक्त अनुभव करता है कि माँ के आने से उसका जीवन खुशियों से भर गया है। माँ का दिव्य स्वरूप, सिंह की सवारी, भैरव और चौसठ जोगनियों का संग, जागरण में माँ की कृपा—सब कुछ भक्त को निहाल कर देता है। माँ के प्रेम को दुनिया के लिए मिसाल बताते हुए, यह भजन माँ के आशीर्वाद को समर्पित है।
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