Ganesh Panchratnam Lyrics Meaning Benefits

गणेश पंजरत्नम् गणेश जी की पवित्र स्तुति है। भगवान गणेश हिंदू रिद्धि  सिद्धि और शुभ कार्यों के प्रणेता हैं और नई शुरुआत, कार्यों में सफलता और बाधाओं को दूर करने के लिए उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस स्तुति की रचना 9वीं शताब्दी के महान दार्शनिक और धर्मशास्त्री आदिशंकराचार्य ने की थी। गणेश पंजरत्नम् में "पंच" का अर्थ है पाँच, और "रत्नम्" का मतलब है रत्न या कीमती पत्थर। यह स्तुति पाँच छंदों से बनी है, जिन्हें भगवान गणेश के प्रति भक्ति और श्रद्धा से लिखा गया है। 

Ganesh Panchratnam Lyrics Meaning Benefits

Ganesh Panchratnam Lyrics, Meaning, Benefits

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं
कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।
अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं
नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥
नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं
नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।
सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं
महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥२॥
समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं
दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥
अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं
पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।
प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्
कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥४॥
नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥५॥
महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥६॥
 
Ganesh Panchratnam Lyrics Meaning Benefits

Meaning Of Ganesh Panchratanam

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं
कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।
अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं
नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥
Meaning : 
  1. सदा विमुक्तिसाधकं - Who is always the bringer of liberation,
  2. कलाधरावतंसकं - Who is adorned with a crescent moon on his forehead,
  3. विलासिलोकरक्षकम् - Who is the protector of the world and revels in it,
  4. अनायकैकनायकं - Who is the supreme leader of all beings,
  5. विनाशितेभदैत्यकं - Who destroys all obstacles and demons,
  6. नताशुभाशुनाशकं - Who removes all inauspiciousness and misfortunes,
  7. नमामि तं विनायकम् - I offer my salutations to that Vinayaka, the remover of obstacles.
Word Meaning :
  1. मुदाकरात् - Modak (a sweet offering made of rice flour, jaggery, and coconut)
  2. तमोदकं - Lord of obstacles, one who likes modak
  3. सदा - always
  4. विमुक्ति - liberation
  5. साधकं - provider
  6. कलाधर - one who wears a crescent moon on his forehead
  7. अवतंसकं - adorned with
  8. विलासि - reveling in enjoyment, playfulness
  9. लोक - world
  10. रक्षकं - protector
  11. अनाय - all beings
  12. एक - one
  13. नायकं - leader
  14. विनाशित - destroyed
  15. एभ - all
  16. दैत्य - demons
  17. नता - salutations, obeisance
  18. अशुभ - inauspiciousness
  19. अशुना - misfortune
  20. अशकं - remover
  21. नमामि - I offer my salutations
  22. तं - to that
  23. विनायकं - remover of obstacles.
नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं
नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम्।
सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं
महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम्॥ २॥
भावार्थ:
मैं उन भगवान गणेश को प्रणाम करता हूँ, जो मोदक प्रिय हैं, बाधाओं को हरने वाले हैं और जिनके मस्तक पर चंद्रमा सुशोभित है। वे इस संसार की रक्षा करते हुए भी बाल सुलभ खेल में मग्न रहते हैं। वे सभी देवताओं के स्वामी, कालसर्प के अधिपति और समस्त बुराइयों और अशुभ संकेतों से बचाने वाले हैं।

मैं सदा-सर्वदा उस सर्वशक्तिमान महेश्वर की शरण लेता हूँ, जिनका स्वरूप भयंकर है, और जिनकी आभा उगते हुए सूर्य के समान है। हे प्रभु, जो राक्षस सुरपद्म का संहार करने वाले हैं, जो जन्म और मृत्यु से परे हैं, और जिनकी महिमा किसी भी प्रकार के नमन और स्तुति से अधिक है, आपको मेरा कोटि-कोटि प्रणाम।

आप साधारण लोगों की तरह नहीं हैं, आपकी उपस्थिति हमें सामान्य जीवन से ऊपर उठने का अनुभव कराती है। आप सभी देवताओं, धन के स्वामी, गजों (हाथियों) और अपने गणों के अधिपति हैं। आप महालॉर्ड, महानतम के भी स्वामी, शाश्वत और अटल हैं। आपकी शरण में आकर मैं सभी प्रकार के कष्टों और बुराइयों से मुक्ति की कामना करता हूँ।
Word Meaning
  1. नतेतर - None other than you,
  2. अतिभीकरं - fearsome and terrifying,
  3. नवोदित - who is newly born,
  4. आर्क - Sun,
  5. भास्वरं - Radiant,
  6. नमत्सुरारि - Salutations to the enemy of the demon Surapadman,
  7. निर्जरं - free from birth and death,
  8. नताधिक - to you who is greater than obeisance,
  9. पदुद्धरम् - Who lifts us from our mundane existence,
  10. सुरेश्वरं - Lord of all the gods,
  11. निधीश्वरं - Lord of all wealth,
  12. गजेश्वरं - Lord of all elephants,
  13. गणेश्वरं - Lord of all the Ganas,
  14. महेश्वरं - Lord of all the great lords,
  15. तम् आश्रये - I take refuge in you,
  16. परात्परं - beyond the supreme,
  17. निरन्तरं - eternal and unchanging.
 
समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं
दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥
Word Meaning
  1. वरं - the best,
  2. वरेभवक्रम् - one who has an elephant face,
  3. अक्षरम् - the imperishable,
  4. कृपाकरं - the merciful one,
  5. क्षमाकरं - the embodiment of forgiveness,
  6. मुदाकरं - the one who loves Modak,
  7. यशस्करं - the giver of fame,
  8. मनस्करं - the one who resides in the mind,
  9. नमस्कृतां - those who bow down,
  10. नमस्करोमि - I bow down,
  11. भास्वरं - shining brightly.
Meaning : 
I bow down to Lord Ganesha, who is the cause of happiness to all the worlds, who destroys the group of demons, who has a large belly, who is the best, who has an elephant face, who is imperishable, who is merciful, who is the embodiment of forgiveness, who loves Modak, who gives fame, who resides in the mind, and who is shining brightly.
अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं
पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।
प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्
कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥४॥
Word Meaning-
  1. अकिंचन - destitute
  2. अर्तिमार्जनं - remover of distress
  3. चिरन्तन - ancient
  4. उक्तिभाजनं - disseminator of sacred scriptures
  5. पुरारिपूर्व - destroyer of the demon named Purari (another name for Lord Shiva)
  6. नन्दनं - delighter
  7. सुरारिगर्वचर्वणम् - destroyer of the pride of the enemies of the gods
  8. प्रपञ्चनाशभीषणं - terrifying to the cycle of birth and death
  9. धनंजयादिभूषणम् - adorned with treasures like Dhananjaya (another name for Arjuna)
  10. कपोलदानवारणं - remover of obstacles in the path of devotion like a elephant's trunk
  11. पुराणवारणम् - protector of the ancient scriptures.
Meaning :-
I worship the ancient protector who removes the afflictions of the helpless, dispels the darkness of ignorance with his utterances, who delighted the son of Lord Shiva (Lord Subramanya), and who humbles the pride of the demons. He is the destroyer of the cycle of birth and death, the adornment of Arjuna and others, and the protector of the tradition of the Vedas. He is the vanquisher of the demon Gajamukhasura, who offers boons to his devotees and protects them from all obstacles.
नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥५॥
Word Meaning : 
  1. नितान्तकान्तदन्तकान्ति: - The beloved of the Lord of Teeth
  2. मन्तकान्तकात्मजं - The son of Mantara (Kaikeyi)
  3. अचिन्त्यरूपम् - Indescribable form
  4. अन्तहीनम् - Endless
  5. अन्तरायकृन्तनम् - Destroyer of obstacles
  6. हृदन्तरे - In the heart
  7. निरन्तरं - Continuously
  8. वसन्तम् - Residing
  9. एव - Indeed
  10. योगिनां - Of yogis
  11. तम् एकदन्तम् एव - That one-tusked (form) alone
  12. तं विचिन्तयामि सन्ततम् - I constantly meditate on that (form).
Meaning
I constantly contemplate upon the one-tusked deity, the son of Uma, who is the ultimate lover, the possessor of shining teeth, and the destroyer of all obstacles. His form is inconceivable and beyond imagination, and he is the annihilator of inner enemies. He forever dwells in the hearts of yogis as the eternal spring, and I meditate on that one-tusked deity with single-minded focus.
महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥६॥
Word Meaning
  1. महागणेशपञ्चरत्नम् - The great Ganesha Pancharatnam
  2. आदरेण - with respect
  3. योऽन्वहं - Whoever recites
  4. प्रजल्पति - talks
  5. प्रभातके - at dawn
  6. हृदि स्मरन् - remembering in heart
  7. गणेश्वरम् - Ganesha, the Lord of all beings
  8. अरोगताम् - health
  9. अदोषताम् - faultlessness
  10. सुसाहितीम् - good companionship
  11. सुपुत्रताम् - good children
  12. समाहितायुः - focused mind and long life
  13. अष्टभूतिम् - the eight-fold achievement
  14. अभ्युपैति - attains
  15. सोऽचिरात् - quickly
Meaning :I humbly invoke Lord Ganesha, reciting these five gems of praise with devotion, remembering Him in my heart at dawn. By meditating on Ganesha, one attains excellent health, flawlessness, an abundance of good qualities, and well-behaved children, and obtains a long life full of happiness without any obstacles.
 
गणेश पंजरत्नम् का पाठ करने के लाभ
  • भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इस स्तुति का नियमित पाठ करने से जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।
  • इस स्तुति को गाने या सुनने से मन को गहरी शांति मिलती है।
  • गणेश पंजरत्नम् भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जिससे जीवन में उत्साह और आत्मविश्वास आता है।
  • किसी भी नए कार्य की शुरुआत में इसका पाठ करना शुभ माना जाता है।
कैसे करें गणेश पंजरत्नम् का पाठ?
प्रातःकाल या किसी शुभ समय पर स्वच्छ मन और शरीर के साथ इस स्तुति का पाठ करें।
भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर, शांत मन से इसका उच्चारण करें।
नियमित पाठ से यह स्तुति आपको मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करेगी।

गणेश पंजरत्नम् न केवल एक स्तुति है, बल्कि यह भगवान गणेश के प्रति हमारी अटूट भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इसके माध्यम से भक्त भगवान गणेश से मार्गदर्शन, आशीर्वाद और जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं। यह स्तुति हर उम्र के भक्तों के लिए प्रेरणा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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