जगदम्बा हमरे घर में पधार रही रे
(मुखड़ा)
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
(अंतरा)
मोतीyon चौक में द्वारे पुराऊं,
मल-मल आसन सजाय दयों रे,
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
गंगाजल से चरण पखारूं,
चरणन फूल चढ़ाय दयों रे,
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
कंचन थार, कपूर की बाती,
मैया की आरती उतार दयों रे,
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
हलवा, पूरी, खीर, बताशा,
मैया को भोग लगाय दयों रे,
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल,
राजेंद्र भेंट चढ़ाय दयों रे,
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
(पुनरावृति)
जगदंबा हमरे घर में,
पधार रही रे।।
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे।।माता जी के भजन,देवी गीत,दुर्गा पूजा,नवरात्रे स्पेशल,दुर्गा चालीसा
स्वर-राजेंद्र प्रसाद सोनी
गीतकार -राजेन्द्र प्रसाद सोनी
संगीतकार-राजेन्द्र प्रसाद सोनी
जगदम्बा हमरे घ में पधार रहीं रे।।