जिसे चाहिये बाबा का खजाना अपने दोनों हाथ उठाना
जिसे चाहिये बाबा का खजाना अपने दोनों हाथ उठाना
जिसे चाहिये बाबा का खजाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
सबसे पहले पाएगा वही,
सबसे ज़्यादा ले जाएगा वही,
छोड़ दिया जिसने शरमाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
जितनी जल्दी आओगे यहाँ,
उतनी जल्दी पाओगे यहाँ,
कहीं पड़े नहीं फिर पछताना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
दुनिया की तू परवाह न कर,
दुनिया भी है लाइन में इधर,
कहने दो जो कहता है ज़माना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
हँसते-गाते लूटो रे यहाँ,
ऐसी मस्ती पाओगे कहाँ,
झोली भर के जिसे भी है पाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
हाथ जोड़ के अम्बरीष यूँ कहे,
सब भक्तों को इतना तू दे,
झोली पड़े नहीं कहीं फैलाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
जिसे चाहिये बाबा का खजाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
सबसे पहले पाएगा वही,
सबसे ज़्यादा ले जाएगा वही,
छोड़ दिया जिसने शरमाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
जितनी जल्दी आओगे यहाँ,
उतनी जल्दी पाओगे यहाँ,
कहीं पड़े नहीं फिर पछताना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
दुनिया की तू परवाह न कर,
दुनिया भी है लाइन में इधर,
कहने दो जो कहता है ज़माना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
हँसते-गाते लूटो रे यहाँ,
ऐसी मस्ती पाओगे कहाँ,
झोली भर के जिसे भी है पाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
हाथ जोड़ के अम्बरीष यूँ कहे,
सब भक्तों को इतना तू दे,
झोली पड़े नहीं कहीं फैलाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
जिसे चाहिये बाबा का खजाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जिसे आज खाली हाथ नहीं जाना,
वो अपने दोनों हाथ उठाना,
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो।।
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Author - Saroj Jangir
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