सांवलिया सेठ के श्री चरणों में अर्जी लगाने आया हूँ

सांवलिया सेठ के श्री चरणों में अर्जी लगाने आया हूँ

सांवलिया सेठ के,
श्री चरणों में,
अर्जी लगाने आया हूं,
झुकती है सारी
दुनिया जहां पर,
मैं भी सर झुकाने आया हूं।।

सबको पता है खाटू सा
दरबार नहीं दूजा,
इसीलिए कलियुग में घर-घर
होती है पूजा,
इस दुनिया में बाबा सा
दातार नहीं दूजा,
मन के भावों को,
दिल के घावों को,
मरहम लगवाने आया हूं,
अर्जी लगाने आया हूं।।

इनका वचन है, इनका भगत
परेशान नहीं होगा,
इज्जत, शोहरत सब होगी,
अभिमान नहीं होगा,
इनकी कृपा से बढ़कर कोई
वरदान नहीं होगा,
किस्मत की रेखा,
कर्मों का लेखा,
मैं भी बदलवाने आया हूं,
अर्जी लगाने आया हूं।।

खाटू की ग्यारस जैसा
त्योहार नहीं देखा,
भक्तों का यहां आना कभी
बेकार नहीं देखा,
‘अम्बरीष’ कहे इस दर पे कभी
इनकार नहीं देखा,
कृपा ये तेरी किस्मत में मेरी
मैं भी लिखवाने आया हूं,
अर्जी लगाने आया हूं।।

सांवलिया सेठ के,
श्री चरणों में,
अर्जी लगाने आया हूं,
झुकती है सारी
दुनिया जहां पर,
मैं भी सर झुकाने आया हूं।।


ARZI "अर्ज़ी" हर श्याम प्रेमी की अर्जी - सांवलिया सेठ के श्री चरणों में - #SudarshanKumar

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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