द्वार मैया के रोज तुम आते रहो भजन

द्वार मैया के रोज तुम आते रहो भजन

(मुखड़ा)

द्वार मैया के रोज,
तुम आते रहो,
काम बिगड़े सभी तेरा,
सुधर जाएगा।
मन से मैया को गर पुकारो कभी,
जो ख़ज़ाने हैं ख़ाली, वो भर जाएँगे।।
(अंतरा 1)

अम्बे मैया की भक्ति है, सबसे सरल,
जो किसी देव-देवी में, पाई नहीं।
कौन ऐसा अभागा है, संसार में,
जो कि जगदम्बे की महिमा, गाई नहीं।

सोचने में, समय तेरा, जाता रहा,
तो सुहाने ये पल भी, गुज़र जाएँगे।
मन से मैया को गर पुकारो कभी,
जो ख़ज़ाने हैं ख़ाली, वो भर जाएँगे।।
(अंतरा 2)

जिनके होठों पे, अम्बे का उच्चार है,
उनके जीवन में, देखा चमत्कार है।
उनके चरणों में, जा अब, देरी न कर,
वो ही दातार, सच्चा मददगार है।

सबकी बिगड़ी बनाती है, मैया सदा,
तेरी बिगड़ी को क्या के, वो मुकर जाएँगे।
मन से मैया को गर पुकारो कभी,
जो ख़ज़ाने हैं ख़ाली, वो भर जाएँगे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)

द्वार मैया के रोज,
तुम आते रहो,
काम बिगड़े सभी तेरा,
सुधर जाएगा।
मन से मैया को गर पुकारो कभी,
जो ख़ज़ाने हैं ख़ाली, वो भर जाएँगे।।

द्वार मईया के रोज तुम आते रहो।नवरात्री भजन।Singer Rupesh Choudhary bhajan 2020 7004825279
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