मुँह का पर्यायवाची शब्द Munh Ka Paryayvachi Shabd
मुँह का पर्यायवाची शब्द Munh Ka Paryayvachi Shabd
इस लेख में आप मुँह शब्द के हिंदी में पर्यायवाची (निकट अर्थ/समानार्थी शब्द ) शब्द/शब्दों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही मुँह शब्द का हिंदी में अर्थ, विलोम शब्द और अंग्रेजी में मीनिंग निचे दिए गए हैं। मुँह/Munh हिंदी भाषा का एक शब्द है, जिसके पर्यायवाची (Synonyms) निचे अर्थ सहित दिए गए हैं.
मुँह के पर्यायवाची शब्द हिंदी में Munh synonyms in Hindi
मुँह के पर्यायवाची शब्द (synonyms) आनन, मुख, मुखड़ा, मुखमंडल, मुँह, चेहरा। -आदि होते हैं।
मुँह के अन्य पर्यायवाची शब्द हैं -
- आनन - चेहरा
- मुख - चेहरा
- मुखड़ा - चेहरा
- मुखमंडल - चेहरा
- मुँह - चेहरा
- चेहरा - मुख
शक्ल - चेहरे की बाहरी आकृति या रूप। यह व्यक्ति के चेहरे के आकर्षण, सुंदरता और रूप में विशेषताएं दर्शाता है।
आकृति - चेहरे या किसी वस्तु की आकार या रूप। इससे हम उसकी संरचना, समानता और विभिन्न घटकों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
मुखाकृति - व्यक्ति के मुख की विशेष आकृति या रूप। इससे हम उसकी पहचान और स्वरूप के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
मुख - चेहरे का प्रमुख भाग, जिसमें आंखें, नाक, होंठ आदि स्थित होते हैं। इसका उपयोग आहार प्राप्त करने, बोलने, हंसने, और सांस लेने के लिए किया जाता है।
मुखड़ा - चेहरे का भाग, जिसमें मुंह और उसके आसपास के अंग स्थित होते हैं। यह हमें व्यक्ति की अभिव्यक्ति, भावनाएं और व्यवहार की जानकारी देता है।
सूरत - व्यक्ति का चेहरा या मुख। इस शब्द का उपयोग व्यक्ति की पहचान और उसकी व्यक्तित्वता के संदर्भ में किया जाता है।
अन्य हिंदी भाषा के शब्द और उनके पर्यायवाची शब्द
- गरम - ऊष्मा, तापी, ज्वलित
- सुंदर - रमणीय, आकर्षक, चारु
- बड़ा - महान, विशाल, प्रचंड
- दौड़ - पलायन, दौड़ाना, तेज़ी से चलना
- खुश - प्रसन्न, आनंदित, ख़ुशीत
- गहरा - समृद्ध, प्रगट, अच्छे रंगभूमि वाला
- अच्छा - उत्तम, उत्कृष्ट, श्रेष्ठ
- स्वादिष्ट - रुचिकर, प्रिय, लवणित
- अधिक - अधिकतर, अधिकांश, ज्यादा
- कम - हीन, आवश्यकता से कम, कमी
- चमकीला - प्रकाशमान, उज्ज्वल, चमकीदार
- गंभीर - समयोचित, मनोहारी, गहन
- जल्दी - शीघ्र, तत्पर, तत्परता से
- खुला - व्यापक, स्पष्ट, स्वतंत्र
- दूर - दूरदर्शी, दूरस्थ, दूरी
- हंसी - मुस्कान, हँसते हुए, ख़ुशी
- अंदर - आंतरिक, भीतर, अन्तर्गत
- शांत - निर्मल, निर्भय, शान्तिपूर्ण
- उच्च - उत्कृष्ट, महान, प्रशस्त
- आसान - सुविधाजनक, सहज, प्रभावी
उदाहरण Example:
- उसका मुँह इतनी मीठास से मुस्कान कर गया कि सभी को उसपर प्यार आ गया।
- उसने अपना मुँह खोला और सच्चाई की बातें कह दीं।
- बच्चे का मुँह चिढ़ाते हुए उसने मासूमी से कहा, "तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो।"
- मुझे तुम्हारे अश्लील बातों से मुँह चिढ़ाने की आदत नहीं है।
- उसके मुँह से जुबान निकलती ही नहीं, बस गुस्सा दिखता है।
- जब वह खुशी के मुँह पर मुस्कान लाती है, तो उसकी सूरत और भी सुंदर लगती है।
- उसका मुँह खोलने से पहले उसने ध्यानपूर्वक सोचा और फिर सटीक जवाब दिया।
- उसके चेहरे पर उदासी के निशान थे, उसका मुँह बंद था पर उसकी आंखों में दर्द दिख रहा था।
- उसके मुँह से प्रेम और सम्मान की बातें निकलती हैं।
- उसका मुँह खुलते ही सबकी ध्यान वहीं जाता है, उसकी बातें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।
- उसके आनन पर खुशी का चमकता हुआ चेहरा था।
- बादलों के आनन में बरसात की संकेतमानी थी।
- उसके आनन पर धूप की रेखाएं मुस्कान बनाती थीं।
- उसका मुख इतनी प्रशंसा के योग्य था, कि सब उसकी खूबसूरती पर बहस कर रहे थे।
- उसके मुख से सच्चाई की प्रतीति होती थी।
- वह गांव में मुख की उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध था।
- रामलीला में रावण का भयंकर मुखड़ा देखकर लोग चकित रह गए।
- नाटक के कलाकारों के मुखड़ा में जीवन भरी उच्चता दिखती है।
- वह अपने प्रतिरूप के माध्यम से मुखड़ा बदलता रहता है।
- सूर्य का मुखमंडल आसमान को आभा से रौशन कर रहा था।
- उसके चेहरे का मुखमंडल भारतीय नारी की सौंदर्य संपूर्णता को प्रतिष्ठित करता है।
- वह नाटक में अपने भूमिका के माध्यम से मुखमंडल दर्शाता था।
- उसने चीखते हुए मुँह से अपनी खुशी जाहिर की।
- वह अपने मुँह की गलती स्वीकारने के लिए तैयार था।
- उसके मुँह से नकली वाद-विवाद बातें निकल रही थीं।
- उसका चेहरा सुंदरता का प्रतीक था।
- उसके चेहरे पर मुस्कान खिली जब उसे सफलता मिली।
- उसके चेहरे पर दुख छिपा हुआ था, जो उसने किसी के साथी के नुकसान की खबर सुनकर दिखाया।
मुँह के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी :-
मुँह शब्द हमारी भाषा में एक महत्त्वपूर्ण शब्द है। यह हमारे शरीर का एक मुख्य अंग है और खाने, बोलने, सांस लेने आदि के कार्यों के लिए उपयोग होता है। मुँह शब्द का अर्थ होता है 'वक्त्र' या 'मुख'। इसका उपयोग हमारे चेहरे के उस भाग को संकेत करने के लिए किया जाता है जहां हमारे दांत, होंठ, जीभ, और उच्चारण अंग स्थित होते हैं। यह शब्द हमें अपने शरीर के इस महत्त्वपूर्ण अंग की पहचान और समझ कराता है। मुँह शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'मुख' से हुई है। इसका उपयोग हमारी भाषा में अक्सर किया जाता है जो अन्य भाषाओं के साथ भी संबंधित होती है।
मुँह शब्द का विलोम 'बाहरी' है, जो दिखाई नहीं देता होता है। यह शब्द दिखाता है कि मुँह के सामर्थ्य का विपरीत अवस्था होती है, जैसे जब हम अपना मुँह बंद करते हैं या जब कोई व्यक्ति चुप होता है। मुँह शब्द के अलावा, हमारी भाषा में अन्य समानार्थी शब्द भी हैं जैसे 'वक्त्र', 'मुख', 'त्वचा', जो सभी इसी अंग को संकेत करते हैं। इन शब्दों का उपयोग व्यापारिक, साहित्यिक, और दैनिक भाषा में होता है, जहां हमें इस अंग की व्याख्या करनी होती है या सांस्कृतिक संदर्भ में उपयोग करना होता है। मुँह शब्द हमारी भाषा में एक महत्त्वपूर्ण शब्द है। यह हमारे शरीर का एक मुख्य अंग है और खाने, बोलने, सांस लेने आदि के कार्यों के लिए उपयोग होता है।
मुँह शब्द का अर्थ होता है 'वक्त्र' या 'मुख'। इसका उपयोग हमारे चेहरे के उस भाग को संकेत करने के लिए किया जाता है जहां हमारे दांत, होंठ, जीभ, और उच्चारण अंग स्थित होते हैं। यह शब्द हमें अपने शरीर के इस महत्त्वपूर्ण अंग की पहचान और समझ कराता है।
मुँह शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'मुख' से हुई है। इसका उपयोग हमारी भाषा में अक्सर किया जाता है जो अन्य भाषाओं के साथ भी संबंधित होती है।
मुँह शब्द का विलोम 'बाहरी' है, जो दिखाई नहीं देता होता है। यह शब्द दिखाता है कि मुँह के सामर्थ्य का विपरीत अवस्था होती है, जैसे जब हम अपना मुँह बंद करते हैं या जब कोई व्यक्ति चुप होता है।
मुँह शब्द के अलावा, हमारी भाषा में अन्य समानार्थी शब्द भी हैं जैसे 'वक्त्र', 'मुख', 'त्वचा', जो सभी इसी अंग को संकेत करते हैं। इन शब्दों का उपयोग व्यापारिक, साहित्यिक, और दैनिक भाषा में होता है, जहां हमें इस अंग की व्याख्या करनी होती है या सांस्कृतिक संदर्भ में उपयोग करना होता है।
मुँह शब्द का विलोम 'बाहरी' है, जो दिखाई नहीं देता होता है। यह शब्द दिखाता है कि मुँह के सामर्थ्य का विपरीत अवस्था होती है, जैसे जब हम अपना मुँह बंद करते हैं या जब कोई व्यक्ति चुप होता है। मुँह शब्द के अलावा, हमारी भाषा में अन्य समानार्थी शब्द भी हैं जैसे 'वक्त्र', 'मुख', 'त्वचा', जो सभी इसी अंग को संकेत करते हैं। इन शब्दों का उपयोग व्यापारिक, साहित्यिक, और दैनिक भाषा में होता है, जहां हमें इस अंग की व्याख्या करनी होती है या सांस्कृतिक संदर्भ में उपयोग करना होता है। मुँह शब्द हमारी भाषा में एक महत्त्वपूर्ण शब्द है। यह हमारे शरीर का एक मुख्य अंग है और खाने, बोलने, सांस लेने आदि के कार्यों के लिए उपयोग होता है।
मुँह शब्द का अर्थ होता है 'वक्त्र' या 'मुख'। इसका उपयोग हमारे चेहरे के उस भाग को संकेत करने के लिए किया जाता है जहां हमारे दांत, होंठ, जीभ, और उच्चारण अंग स्थित होते हैं। यह शब्द हमें अपने शरीर के इस महत्त्वपूर्ण अंग की पहचान और समझ कराता है।
मुँह शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'मुख' से हुई है। इसका उपयोग हमारी भाषा में अक्सर किया जाता है जो अन्य भाषाओं के साथ भी संबंधित होती है।
मुँह शब्द का विलोम 'बाहरी' है, जो दिखाई नहीं देता होता है। यह शब्द दिखाता है कि मुँह के सामर्थ्य का विपरीत अवस्था होती है, जैसे जब हम अपना मुँह बंद करते हैं या जब कोई व्यक्ति चुप होता है।
मुँह शब्द के अलावा, हमारी भाषा में अन्य समानार्थी शब्द भी हैं जैसे 'वक्त्र', 'मुख', 'त्वचा', जो सभी इसी अंग को संकेत करते हैं। इन शब्दों का उपयोग व्यापारिक, साहित्यिक, और दैनिक भाषा में होता है, जहां हमें इस अंग की व्याख्या करनी होती है या सांस्कृतिक संदर्भ में उपयोग करना होता है।
पर्यायवाची किसे कहते हैं ? What is Synonyms ?
पर्यायवाची का अर्थ है "ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हों, एक सामान अर्थ वाला पर्यायवाची (अंग्रेज़ी में Synonym) शब्द कहलाते हैं। यथा मुँह शब्द के पर्यायवाची आप इस लेख में देखेंगे।
एक पर्यायवाची शब्द किसी शब्द का समान या लगभग समान अर्थ वाला होता है (जैसा की मुँह के पर्यायवाची शब्द यहाँ पर दिए गए हैं )। उदाहरण के लिए सूर्य के पर्यायवाची दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आक, आदित्य, दिनेश, मित्र, मार्तण्ड, मन्दार, पतंग, विहंगम, रवि, प्रभाकर, अरुण, अंशुमाली और सूरज भगत, दिनमणि, अर्क, हरि आदि होते हैं।
एक पर्यायवाची शब्द किसी शब्द का समान या लगभग समान अर्थ वाला होता है (जैसा की मुँह के पर्यायवाची शब्द यहाँ पर दिए गए हैं )। उदाहरण के लिए सूर्य के पर्यायवाची दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आक, आदित्य, दिनेश, मित्र, मार्तण्ड, मन्दार, पतंग, विहंगम, रवि, प्रभाकर, अरुण, अंशुमाली और सूरज भगत, दिनमणि, अर्क, हरि आदि होते हैं।