मनवा जीवन का काहे करत गुमान

मनवा जीवन का काहे करत गुमान

मनवा जीवन का काहे करत गुमान
मोह~माया को तज के, उसकी महिमा को ले जान,
मनवा, जीवन का काहे करत गुमान।।

खाल~मांस का पुतला तेरा, फटियों की ये हवेली,
चल सांसों के रथ पे है रे, ये जिंदगानी तेरी,
इक हवा का झोंका आये, धरे रहे अरमान,
मनवा, जीवन का काहे करत गुमान।।

चुनचुन कंकर महल की खातिर, खूब बनायो बसेरा,
अटल द्वार बंद कर लीने, अंधकार कर लेरा,
धनदौलत को भरम मान के, कभी न जपेयो नाम,
मनवा, जीवन का काहे करत गुमान।।

कणकण उसकी ही माया है, क्यों बन्यो अज्ञानी,
नाम सिमरन से भटक गया तू, कर बैठो नादानी,
राजदेव, ये जग है सपना, इस सच को ले मान,
मनवा, जीवन का काहे करत गुमान।।


Manva Jivan Ka kahe Karat Guman - Popular Nirgun bhajan - Daljeet Singh Saathi - Ambey Bhakti

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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