अधिकमास अमावस्या दोष मुक्ति उपाय Adhikmas Amavashya Dosh Mukti Upay
हिन्दू प्राचीन शास्त्रों के अनुसार अमावस्या पर कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए अन्यथा इसके बुरे परिणाम भी सामने आ सकते हैं। कालसर्प दोष, शनि दोष और पितृ दोष आदि से मुक्ति पाने का सबसे श्रेष्ठ समय अमावस्या को माना गया है। दान, व्रत और तप आदि करने से अमावस्या के पावन अवसर पर बहुत लाभ मिलता है।
अधिकमास अमावस्या पर क्या करें What to do on Adhik Maas Amavasya
- स्नान और शुद्धि: पवित्र नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें, जो आपके पास उपलब्ध हो। यदि संभव हो, तो सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दें और उसी समय पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध करें।
- दान करें: अमावस्या के दिन तिल, अनाज, वस्त्र, पलंग, घी, आंवला, कंबल, और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें। इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
- ब्राह्मण भोजन: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने में समर्थ रहें, जो पितरों की याद में होता है। पशु-पक्षियों को भोजन कराने से भी आप पितरों को समर्पित हो सकते हैं।
- सेवा करें: किसी जरूरतमंद व्यक्ति या असहाय की मदद करें, यह आपके पितरों की याद में किया गया कार्य हो सकता है। किसी तरह के जश्न नहीं मनाएं, क्योंकि यह एक श्रद्धालु और संवेदनशील दिन होता है।
- पूजा और उपासना: पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल और तुलसी की पूजा करें। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो उन्हें शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा जल में प्रवाहित करने का आयोजन करें।
- दीपक मां लक्ष्मी की कृपा को प्राप्त करने के लिए गाय के घी के दीपक को घर के ईशान कोण में जलाने से घर में सुख और समृद्धि की विशेष कृपा होती है और आपके परिवार के आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। बत्ती के रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करना उसे आकर्षण का प्रतीक बनाता है और केसर के डालने से उपाय की शक्ति और प्रभाव बढ़ जाता है। यह विधि आपके घर के आस-पास की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करती है और आपके जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और आनंद का आभास कराने में मदद करती है।
- नमक का पोंछा : इस रोज पानी में खड़ा नमक डालकर पौंछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है। यह एक पौराणिक उपाय है जिससे घर में शुभता और शांति की वातावरण बनी रहती है। नमक को उपयोग करने से पूरे दिन में होने वाले नकारात्मक प्रभाव को नष्ट करके घर में सकारात्मकता बढ़ती है और परिवार के सभी सदस्यों के बीच अच्छे संबंध बने रहते हैं। यह एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने का एक सरल तरीका होता है।
- पीपल का पौधा लगाये : अधिकमास अमावस्या के दिन मंदिर में पीपल का पौधा लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं, अतः पीपल का पौधा लगाने से लाभ होता है। पीपल का पौधा लगाने के बाद हर अमावस्या पर इसकी पूजा और संरक्षण करने का संकल्प लें। मान्यता है कि इस उपाय से नौकरी और व्यापार में परेशानियों का अंत होता है।
- मंत्र : "राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।" का जाप करने से संकटों का परिहार होता है और आपके जीवन में खुशियाँ आती हैं। ध्यान देने और मंत्र का सावधानीपूर्वक जाप करने से इसका उत्तम प्रभाव होता है।
अधिकमास अमावस्या पर क्या न करें Adhik Maas Amavasya Dont's
अधिकमास अमावस्या के दिन निम्नलिखित कार्यों से बचने का प्रयास करें, ताकि आपके जीवन में किसी प्रकार की अनिष्ट घटनाएं न हों:
- मांगलिक कार्य और शुभ काम: अमावस्या के दिन मांगलिक कार्यों या शुभ कामों की शुरुआत न करें, क्योंकि इससे उनमें सफलता नहीं मिलती है।
- बाल धोना और नाखून काटना: अमावस्या के दिन न तो बाल धोना चाहिए और न ही नाखून काटना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है और इससे धन की हानि या शारीरिक समस्याएं होती हैं।
- नकारात्मक स्थलों का दौरा: अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं, इसलिए कमजोर मन वाले लोगों को सुनसान जगहों या श्मशान के पास जाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाव होता है।