जय माधव मदन मुरारी

जय माधव मदन मुरारी

जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी,
जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी।

तेरी मस्तक मुकुट विराजे,
और मोर पंख भीन साजे,
केशों की छटा है न्यारी,
जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी।

कानों में कुंडल सोहे,
माथे पर चंदन मोहे,
तेरी आंखें हैं कजरारी,
जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी।

होठों पर लाली लाल लगी,
और मुरली तेरे हाथ सजी,
तूने काली कमरिया डारी,
जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी।
 
माधव: कृष्ण को माधव इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका जन्म मधुवंशी वंश में हुआ था। मधुवंशी वंश के लोग माधव कहलाते हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार, कृष्ण को माधव इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे बहुत ही सुंदर और आकर्षक थे। उनकी सुंदरता को माधुरी कहा जाता था, इसलिए उन्हें माधव कहा जाता है।
मरारी: कृष्ण को मरारी इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने मधु नाम के राक्षस का वध किया था। मधु राक्षस बहुत ही शक्तिशाली था और उसने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था। कृष्ण ने मधु का वध करके देवताओं को मुक्त कराया।
केशव: कृष्ण को केशव इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके बाल बहुत ही लंबे और घने थे। कृष्ण के बालों को केश कहा जाता था, इसलिए उन्हें केशव कहा जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, कृष्ण को केशव इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप हैं। ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति कहा जाता है। त्रिमूर्ति के तीनों स्वरूपों को मिलाकर केशव कहा जाता है।


जय माधव मदन मुरारी,वसनवारी श्याम वनवारी
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