हिंग्वाष्टक चूर्ण घर पर बनाये गैस अपच कब्ज दूर करे Make Hingwashtak Churna at home, remove gas, indigestion, constipation
हिंग्वाष्टक चूर्ण के घटक द्रव्य
- सोंठ (Dry Ginger): 10 ग्राम (10 grams)
- पीपल (Ficus Religiosa): 10 ग्राम (10 grams)
- काली मिर्च (Black Pepper): 10 ग्राम (10 grams)
- अजवायन (Celery): 10 ग्राम (10 grams)
- सेंधा नमक (Rock Salt): 10 ग्राम (10 grams)
- जीरा (Cumin): 10 ग्राम (10 grams)
- काला जीरा (Caraway Seeds): 10 ग्राम (10 grams)
- हींग (Asafoetida): 5 ग्राम (5 grams)
हिंग्वाष्टक चूर्ण मात्रा और सेवन विधि
हिंग्वाष्टक चूर्ण को भोजन करने से पहले आधा चम्मच की मात्रा में गरम पानी के साथ लेना चाहिए. इसे भोजन से पहले लेना हितकर होता है।हिंग्वाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna) के उपयोग
- अजीर्ण रोग (Indigestion) - Indigestion
- अपच (Dyspepsia) - Dyspepsia
- मंदाग्नि (Hypochlorhydria) - Hypochlorhydria
- हैजा (Acid Reflux) - Acid Reflux
- पतला दस्त (Diarrhea) - Diarrhea
- वात संग्रहणी (Rheumatoid Arthritis) - Rheumatoid Arthritis
- वातगुल्म (Abdominal Lump) - Abdominal Lump
- वातशूल (Colic) - Colic
- कफ़ज (Phlegm) - Phlegm
- वातज विकार (Neurological Disorders) - Neurological Disorders
हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से होने वाले फायदे /लाभ
हिंग्वाष्टक चूर्ण के अधिक लाभ के लिए आप इसे भोजन के समय प्रथम निवाले में घी में मिलाकर खाएं। ऐसा करने से पाचन अग्नि प्रदीप्त होती है और वात रोगों में विशेष लाभ होता है। इससे वात प्रधान मंदाग्नि अच्छी हो जाती है, वात रोग दूर होते हैं। पेट में वायु का जमा होना, डकारे आना, भूख न लगना आदि विकारों में यह श्रेष्ठ ओषधि है और उत्तम दीपन और पाचन भी है।
पेट में जमा गैस को निकालने में सहायक
पाचन को बढाने में सहायक
हींग पाचन क्रिया को दृढ करती है, इसके सेवन से खाया पिया जल्दी पचता है और आफरा, गैस और बदहजमी नहीं होती है। कब्ज दूर होता है और भूख में वृद्धि होती है। हिंग्वाष्टक चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन संबंधी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है. यह चूर्ण हींग, सोंठ, मिर्च, पीपल, अजवाइन, सेंधा नमक, काला जीरा और साधारण जीरा से बना होता है. ये सभी औषधियां पाचन को बेहतर बनाने और भूख को बढ़ाने में मदद करती हैं.बदहजमी को दूर करने के लिए
अधिक खाना सेहत को खराब कर सकता है. जब आप बहुत ज्यादा खाते हैं, तो आपका शरीर भोजन को पचाने के लिए अधिक मेहनत करता है. इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पेट दर्द, गैस, और कब्ज. इसके अलावा, जरूरत से अधिक खाना वजन बढ़ने का कारण बन सकता है.यदि आप खुद को फिट रखना चाहते हैं, तो आपको जरूरत से अधिक नहीं खाना चाहिए. आप अपनी सेहत को निखारने के लिए हींग, काली मिर्च, अजवाइन, सेंधा नमक, अदरक, पिप्पली, और जीरे से भरपूर इस चूर्ण का सेवन कर सकते हैं. यह चूर्ण एक प्राकृतिक पाचन सहायक है और यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकता है. यह चूर्ण आपके शरीर को detox करने में भी मदद कर सकता है और यह आपके शरीर को स्वस्थ रख सकता है.
मंदाग्नि में लाभकारी
हिंग्वाष्टक चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मंदाग्नि, अपच, भूख की कमी, गैस की समस्या आदि में उपयोगी है। यह चूर्ण घी के साथ भोजन के शुरू में लिया जाता है और यह उक्त विकारों को शीघ्र दूर करता है।दस्त को रोकने के लिए हिंग्वाष्टक चूर्ण
पाचन की कमजोरी से उत्पन्न दस्त को रोकने के लिए हिंग्वाष्टक चूर्ण लाभकारी होता है। इस चूर्ण में आधा ग्राम शंख भस्म मिला कर लेने से दस्त रुकते हैं।- इस चूर्ण को भोजन से पहले लिया जाता है जिससे ये बढे हुए पित्त को नियंत्रित करता है।
- भूख के प्रति अरुचि को दूर करता है और जठराग्नि को जाग्रत करता है।
- यह पाचक रसों के स्राव को बढ़ा देता है।
- हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से गैस और आफरा (पेट फूलना ) जैसे विकारों में लाभ मिलता है।
- अजीर्णता को समाप्त करता है। यह श्रेष्ठ पाचक और दीपक होता है।
- मल को ढीला बनाता है।
- हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से पुरानी कब्ज दूर होती है।
- हिंग्वाष्टक चूर्ण भोजन के पचाने में सहायता करता है और शरीर की दुर्बलता को दूर करता है।
- गैस विकारों को दूर कर पेट को हल्का रखता है। हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से अपान वायु रिलीज़ हो जाती है और इसके कारण होने वाले सर दर्द में लाभ मिलता है।
- यह एक उत्तम पाचक है और भोजन के पाचन में मदद करता है.
- यह अग्नि प्रदीप्त करता है और वात रोगों में लाभ देता है.
- यह पेट में वायु का जमा होना, डकारे आना, भूख न लगना आदि की समस्याओं में फायदेमंद है.
- यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज को दूर करता है.
- यह शरीर को detox करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है.
- यह शरीर को स्वस्थ रखता है और रोगों से बचाता है.
हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन में सावधानिया/साइड इफेक्ट्स
- पेट की जलन
- उल्टी
- दस्त
- मतली
- एलर्जी
- उच्च रक्तचाप
- गुर्दे की समस्याएं
- गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक
- आयुर्वेद सार संग्रह
आयुर्वेद सार संग्रह एक आयुर्वेदिक ग्रंथ है जो आयुर्वेद के सिद्धांतों और प्रथाओं का एक व्यापक विवरण प्रस्तुत करता है. ग्रंथ में हिंग्वाष्टक चूर्ण के बारे में भी जानकारी दी गई है. ग्रंथ के अनुसार, हिंग्वाष्टक चूर्ण एक उत्तम पाचक है और भोजन के पाचन में मदद करता है. यह अग्नि प्रदीप्त करता है और वात रोगों में लाभ देता है. यह पेट में वायु का जमा होना, डकारे आना, भूख न लगना आदि की समस्याओं में भी फायदेमंद है.
आयुर्वेद सार संग्रह एक प्रामाणिक आयुर्वेदिक ग्रंथ है और इसकी जानकारी विश्वसनीय है. यदि आप हिंग्वाष्टक चूर्ण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इस ग्रंथ को पढ़ सकते हैं.
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डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। इस चूर्ण को लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें। The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.